पाकिस्तान की एक एंटी टेररिज्म कोर्ट ने बुधवार को मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद के घर के बाहर किए गए कार बम धमाके के मामले में चार लोगों को मौत की सजा सुनाई. हाफिज सईद के घर के बाहर जून 2021 में आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी. एंटी टेररिज्म कोर्ट के जज अरशद हुसैन ने इस मामले में आयशा बीबी को भी 5 साल की सजा सुनाई.
23 जून को हाफिज सईद के जौहर टाउन स्थित आवास के बाहर कार में धमाका हुआ था. इस हमले में 3 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 20 लोग जख्मी हुए थे. इतना ही नहीं इस धमाके में कई दुकानों, घरों और वाहनों को भी नुकसान पहुंचा था.
इस मामले में कोर्ट ने प्रतिबंधित संगठन तहरीक -ए- तालिबान पाकिस्तान के ईद गुल, पीटर पॉल डेविड, सज्जाद शाह और जियाउल्लाह को मौत की सजा सुनाई. वहीं, आयशा बीबी को 5 साल की सजा सुनाई गई. इस केस में 56 गवाहों ने गवाही दी.
आतंकवाद रोधी विभाग सीटीडी के मुताबिक, ईद गुल ने कार में बम लगाया था. यह कार पीटर पॉल डेविड की थी. इसके अलावा सज्जाद शाह, जिया उल्लाह और आयशा ने इस हमले में मदद की. पंजाब सरकार ने विस्फोट में शामिल सभी '10 पाकिस्तानी संदिग्धों' के नेटवर्क का पता लगाने का दावा किया था. हालांकि, उनमें से सिर्फ 5 को ही आरोपी बनाया गया था.
हाफिज सईद टेरर फंडिंग केस में कोट लखपत जेल में बंद है. हालांकि, अपुष्ट खबरों में दावा किया गया था कि हमले की वक्त हाफिज सईद अपने घर पर ही था. हाफिज सईद को यूएन ने आतंकी घोषित किया है. जबकि अमेरिका ने उस पर 1 करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया है. सईद को टेरर फंडिंग के 5 मामलों में 36 साल की सजा सुनाई गई है. हाफिज सईद 2008 मुंबई हमलों का मास्टमाइंड है. इन हमलों में 166 लोगों की मौत हुई थी. इसमें 6 अमेरिकी नागरिक भी थे.