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पाकिस्तान, तिब्बत और पापुआ न्यू गिनी भूकंप के झटकों से हिले

धरती के अंदर 7 प्लेट्स ऐसी होती हैं जो लगातार घूम रही हैं. ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब प्रेशर ज्यादा बनने लगता है कि तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. इनके टूटने के कारण अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और तिब्बत में मंगलवार तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए. पाकिस्तान में भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.2 दर्ज की गई जबकि तिब्बत में यह 5.0 दर्ज की गई.

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पापुआ न्यू गिनी में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. यहां भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.5 रही. 

क्यों आते हैं भूकंप

धरती के अंदर 7 प्लेट्स ऐसी होती हैं जो लगातार घूम रही हैं. ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब प्रेशर ज्यादा बनने लगता है कि तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. इनके टूटने के कारण अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.

जानिए कौन सा भूकंप होता है खतरनाक?

अभी तक भूकंप की अधिकमत तीव्रता तय नहीं हो पाई है. हालांकि रिक्टर स्केल पर 7.0 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप को सामान्य से खतरनाक माना जाता है. इसी पैमाने पर 2 या इससे कम तीव्रता वाला भूकंप सूक्ष्म भूकंप कहलाता है जो ज्यादातर महसूस नहीं होते हैं. 4.5 की तीव्रता का भूकंप घरों को क्षतिग्रस्त कर सकता है.

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कैसे मापी जाती है तीव्रता? 

भूकंप को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. रिक्‍टर स्‍केल भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना होता है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. ये स्‍केल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है. 

जानें रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता के हिसाब से क्‍या हो सकता है असर:

- 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.

- 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.

- 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है.

- 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.

- 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है.

- 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है. 

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