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Pakistan Crisis: पाकिस्तान के लिए बड़ी राहत, यहां से भरेगा खाली खजाना

कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान ने 2019 में आईएमएफ के साथ करार किया था. इसके तहत आईएमएफ से पाकिस्तान को छह अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज दिया जाना था लेकिन अभी तक आधी ही धनराशि पाकिस्तान को मिल पाई है.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बेलआउट पैकेज के लिए 2019 में आईएमएफ के साथ हुआ था करार
  • अब तक पाकिस्तान को पैकेज की आधी धनराशि ही मिली

आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से जल्द बड़ी राहत मिल सकती है. आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच बेलआउट पैकेज के तहत रुकी हुई धनराशि जारी करने को लेकर बातचीत आगे बढ़ी है. दोनों पक्षों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी.

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दरअसल, पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ 2019 में एक करार किया था जिसके तहत उसे छह अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज दिया जाना था लेकिन तय शर्तों का पालन नहीं करने पर आईएमएफ ने यह धनराशि बीच में ही रोक दी थी.

2019 में हुए इस समझौते के बाद से अब तक पाकिस्तान को इस पैकेज से आधी ही धनराशि मिल पाई है.लेकिन अब आईएमएफ की कई शर्तों का पालन करने को लेकर सहमति जताने के बाद रुकी हुई धनराशि जारी होने का रास्ता साफ हो गया है.

इसके साथ ही पाकिस्तान को यह भी उम्मीद है कि आईएमएफ इस बेलआउट पैकेज की रकम बढ़ाएगा. 

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, आईएमएफ की इन शर्तों के तहत पाकिस्तान पेट्रोलियम पर 50 रुपये प्रति लीटर का शुल्क लगाने पर सहमत हो गया है. इस शुल्क को पाकिस्तान अगस्त 2022 से धीरे-धीरे बढ़ाएगा.

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पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, सरकार हर साल 15 करोड़ रुपये की आय करने वाली कंपनियों और लोगों पर एक फीसदी, सालाना 20 करोड़ की आय करने वालों पर दो फीसदी, सालाना 25 करोड़ की आय करने वालों पर तीन फीसदी और सालाना 30 करोड़ की आय करने वालों पर चार फीसदी का आयकर सहायता शुल्क (Income Support Levy) लगाने का फैसला किया है. 

वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्मायल ने कहा, हमें सालाना छह लाख से 12 लाख रुपये की कमाई करने वालों पर 2.5 फीसदी का टैक्स लगाने की आईएमएफ की मांग भी माननी पड़ी. 

आईएमएफ से पाकिस्तान को दिए गए इस बेलआउट पैकेज की अवधि 39 महीने है, पाकिस्तान को इसकी अवधि में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है.

यह बयान ऐसे समय में सामने आए हैं, जब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था वित्तीय संकट से जूझ रही है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से समाप्त हो रहा है और पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.

पाकिस्तान में आईएमएफ की प्रतिनिधि एस्थर पेरेज रुइज ने कहा, आगामी सालों में आर्थिक स्थिरता के लिए नीतियों को लेकर आईएमएफ अधिकारियों और सरकार के बीच चर्चा जारी रहेगी. वित्त वर्ष 2022-2023 के बजट को लेकर भी बातचीत हुई.

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पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्मायल ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच मंगलवार को बातचीत हुई. इस दौरान बजट और राजकोषीय लक्ष्यों को लेकर सहमति बनी लेकिन मौद्रिक लक्ष्यों को लेकर अभी सहमति होनी बाकी है.

उन्होंने बताया, मुझे लगता है कि अगले एक साल में इस बेलआउट पैकेज की अवधि बढ़ाई जाएगी या फिर कर्ज की राशि बढ़ाई जाएगी. 

बता दें कि मिफ्ताह इस्मायल ने अप्रैल में आईएमएफ अधिकारियों के साथ मुलाकात में बेलआउट पैकेज की राशि और अवधि बढ़ाने को कहा था.

आईएमएफ ने इस पैकेज की आखिरी किस्त पाकिस्तान को फरवरी में दी थी. इससे अगली किस्त की मार्च में समीक्षा होनी थी लेकिन इस बीच उस समय प्रधानमंत्री रहे इमरान खान ने पेट्रोल और डीजल पर सब्सिडी बढ़ा दी थी. लेकिन इमरान खान के सत्ता से हटने के बाद शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री बनने पर पेट्रोल और डीजल पर लगाई गई सब्सिडी हटा दी थी.

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