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PAK चुनाव: इमरान की लहर में कई दिग्गज ढेर, शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो हारे

खैबर पख्तूनवा प्रांत से हारने के बाद शहबाज ने पाकिस्तान आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है और कहा कि मतगणना में गड़बड़ी की हुई है. शहबाज ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया और हमारे पोलिंग एजेंट को बाहर निकाला गया.

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इमरान खान की रैली में समर्थकों की फाइल फोटो
इमरान खान की रैली में समर्थकों की फाइल फोटो

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पाकिस्तान में हुए आम चुनावों में शुरुआती चरण में क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की लहर में कई दिग्गज धाराशायी हो गए हैं. पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की ओर से प्रधानमंत्री पद का ख्वाब देखने वाले शहबाज शरीफ चुनाव हार गए हैं. वहीं, तीसरी इस चुनाव में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरे पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष बिलावल भुट्टो भी चुनाव हार चुके हैं.

खैबर पख्तूनवा प्रांत से हारने के बाद शहबाज ने पाकिस्तान आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है और कहा कि मतगणना में गड़बड़ी की हुई है. शहबाज ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया और हमारे पोलिंग एजेंट को बाहर निकाला गया.

पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके शहबाज ने दावा किया था कि वह पाकिस्तान को मलेशिया और तुर्की के बराबर ले आएंगे. उन्होंने कहा कि वह मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद तथा तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तायिप एर्दोआन से मिल कर 'उनसे सीखेंगे और पाकिस्तान को फिर से एक महान देश बनायेंगे.' लेकिन इस हार के बाद उनकी सारी उम्मीदें धरे के धरे रह गए.

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शरीफ जून 2013 से जून 2018 तक पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहे. उन्हें मार्च में पीएमएल-एन का अध्यक्ष चुना गया था. इससे पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनके बड़े भाई नवाज शरीफ पार्टी अध्यक्ष पद के लिए अयोग्य करार दिये गए थे. इसके बाद शहबाज को पार्टी ने पीएम उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट किया था. उल्लेखनीय है कि नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम को भ्रष्टाचार के मामले में एक अदालत ने क्रमश: 10 और 7 साल की सजा सुनाई है.

पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे और जुल्फिकार अली भुट्टो के पोते बिलावल भुट्टो भी चुनाव हार गए हैं. हालांकि, उनकी पार्टी पीपीपी (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) चुनावी समर में तीसरी सबसे बड़े पार्टी के रूप में उभर कर आई है.

इस बीच पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने भी मतों की गणना की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है और आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी के एजेंटों को कई निवार्चन क्षेत्रों के मतदान केंद्रों से बाहर किया गया. पीपीपी के मौला बक्स चंदियों ने भी दावा किया है कि उनकी पार्टी के एजेंटों को बादिन में मतदान केंद्रों के अंदर नहीं जाने दिया गया. हालांकि, आरोपों पर जबाव देते हुए पंजाब के प्रांतीय चुनाव आयुक्त ने कहा कि नेताओं को ऐसे निराधार आरोप लगाने से बचना चाहिए.

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