पाकिस्तान चुनाव आयोग 8 फरवरी को होने जा रहे आम चुनावों से पहले ट्रांसमिशन तकनीक का मॉक टेस्ट आयोजित करेगा. डॉन अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक आम चुनावों के परिणामों को जारी करने के लिए 26 जनवरी यानी शुक्रवार को अपने ऑनलाइन सिस्टम का मॉक टेस्ट आयोजित करेगी.
चुनावी रिजल्ट दिखाने के लिए पाकिस्तान ने तैयार किया है ऐप
पाकिस्तानी चुनाव आयोग (ECP) ने प्रत्येक मतदान केंद्र से एक सेंट्रलाइज्ड सिस्टम तक परिणामों के प्रसारण के लिए इलेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम (EMS) ऐप तैयार किया है, जो सभी परिणामों को सही तरीके प्रसारित करेगा. डॉन अखबार के मुताबिक सभी चार प्रांतीय चुनाव आयुक्तों को संबोधित एक चिट्ठी में 26 जनवरी को EMS का मॉक टेस्ट आयोजित करने के निर्देश जारी किए गए है. चिट्ठी में सभी रिटर्निंग अधिकारियों (ROs) फॉर्म 28 और 33 को EMS में प्रमाणित करने को कहा गया है.फॉर्म 28 और 33 में प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवारों और मतदान केंद्रों की संख्या का डिटेल होगा.
25 जनवरी को सभी आरओ को डमी फॉर्म -45 प्रदान किया जाएगा. वे पीठासीन अधिकारियों से शुक्रवार यानी 26 जनवरी को शाम 5 बजे तक अपने मोबाइल ऐप से प्रत्येक नेशनल असेंबली और प्रांतीय असेंबली निर्वाचन क्षेत्र के एक दो-पेजेस के रिजल्ट भेजने को कहेंगे.
चिट्ठी में दी गई है ये गाइडलाइन
चिट्ठी में मॉक टेस्ट आयोजित करने की डिटेल दी गई. इसमें कहा गया है कि ROs और EMS ऑपरेटर यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी पीठासीन अधिकारियों ने दिए गए निर्देशों के मुताबिक मॉक टेस्ट के डेटा को क्लीयर कर दिया है. डेटा क्लीयर करने के बाद ही आपका EMS ऐप मतदान के दिन यानी 8 फरवरी, 2024 को असली रिजल्ट दिखाने के लिए तैयार रहेगा.
2018 में रिजल्ट ट्रांसमिशन सिस्टम हुआ था कौलेप्स
2018 में पिछले चुनावों के दौरान, पाकिस्तानी चुनाव आयोग का रिजल्ट ट्रांसमिशन सिस्टम हजारों मतदान केंद्रों से परिणाम आने के दौरान कोलैप्स कर गया था. इस दौरान कुछ निर्वाचन क्षेत्रों के परिणामों की घोषणा में देरी हुई. इसका फायदा हारने वाली पार्टियों ने उठाया और परिणामों में हेराफेरी करने का कठित प्रयास किया.
स्थानीय सरकारों के विकास फंड को रोका गया
पाकिस्तान में चुनाव में बमुश्किल दो हफ्ते बचे हैं. पाकिस्तानी चुनाव आयोग हेराफेरी के पुराने आरोपों को फिर से दोहराने से बचने के लिए कोई ढील नहीं छोड़ने की कोशिश कर रही है. अलग से इलेक्शन कमीशन चुनाव के नतीजे घोषित होने तक स्थानीय सरकारों के सभी विकास फंडों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया है ताकि विकास के नाम पर मतदाताओं को ब्लैकमेल न किया जा सके.