गुरुवार को पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के बाद रिजल्ट आने में देरी से हालात खराब होते जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें नतीजे को कथित रूप से हेरफेर करने की कोशिश की जा रही है.
आमतौर पर पाकिस्तान में चुनाव के बाद ही मतगणना शुरू हो जाती है और देर रात तक नतीजों को लेकर काफी कुछ स्पष्ट हो जाता है. इस बार भी वोटिंग के बाद मतगणना शुरू हो गई है लेकिन अभी तक ज्यादातर सीटों पर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है.
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, शुरुआत में जिन सीटों पर इमरान खान की पार्टी जीत का दावा कर रही थी. अब उन सीटों पर चुनाव आयोग नवाज शरीफ की पार्टी PMLN की बढ़त दिखा रहा है. पाकिस्तान की मीडिया ने दावा किया था कि इमरान समर्थित उम्मीदवार 150 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रहे हैं. लेकिन अब नतीजे एकदम से बदलते नजर आ रहे हैं.
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के नतीजों पर सवाल उठ रहे हैं. लेकिन इमरान खान के जेल में बंद होने के बावजूद उनकी पार्टी जिस तरह से प्रदर्शन कर रही है. ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान स्थिति को संभालना सेना के लिए भी आसान नहीं होगा.
पाकिस्तान में तख्त या तख्ता?
पाकिस्तान के सामरिक विशेषज्ञ सुशांत सरीन का कहना है कि पाकिस्तान के अंदर जो राजनीति चलती है, उसको तख्त या तख्ता बोला जाता है. हमने अक्सर देखा है कि जो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री होते हैं वो या तो पीएम हाउस में होते हैं या तो अदियाला जेल में होते हैं. या अदियाला जेल से सीधे पीएम हाउस चले जाते हैं या लंदन चले जाते हैं.
सुशांत सरीन आगे कहते हैं, "यह तख्त और तख्ता इमरान खान और आसिम मुनीर के बीच में है. असीम मुनीर ने अपने सारे दांव-पेंच खेल लिए हैं. उसके बावजूद अगर जनता यह मानती है और जो नतीजे आ रहे हैं. अब वो फेरबदल जो भी कर लें. सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान की जनता उसे स्वीकार करेगी? अगर पब्लिक इसे स्वीकार नहीं करेगी तो सेना के अंदर भी अवाजें उठेंगी. पाकिस्तान में फौज के अंदर भी एक चलन है कि जब पाकिस्तान की जनता भी फौज के खिलाफ हो जाए तो फौज के सरदार को भी बदलना पड़ता है. चाहे वो डिक्टेटर ही क्यों ना हो. इससे स्पष्ट है कि पाकिस्तान में कुछ होने वाला है. कुछ उथल-पथल होगी.
Blatant rigging going on in Lahore in Dr. Yasmin Rashid's constituency. She has already beaten Nawaz Sharif. Results are being manipulated.pic.twitter.com/L5ptnZbmn2
— Justuju - جستجو (@justujuuu) February 8, 2024
वहीं, फकर यूसुफजई का कहना है कि पाकिस्तान की फौज के अंदर भी इमरान खान के लिए एक बड़ी सपोर्ट मौजूद है. ये बात सबको पता भी है. आसिफ मुनीर के लिए यह काफी कठिन पल है.
सुशांत सरीन का कहना है कि नवाज शरीफ की पार्टी लगभग हार चुकी है. अगर वो पीटीआई या पीपीपी के जीते हुए उम्मीदवार चुरा कर सरकार बनाते हैं तो पाकिस्तान की जनता उनके घरों में आग लगा देगी.
266 सीटों पर ही हुआ है मतदान
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 336 सीटें हैं. हालांकि, इनमें से सिर्फ 266 सीटों पर ही चुनाव के जरिए उम्मीदवार चुने जाएंगे. दरअसल, असेंबली की 70 सीटें आरक्षित हैं. इनमें से 60 महिलाओं के लिए जबकि 10 गैर मुस्लिमों के लिए आरक्षित हैं. चुनाव जीतने वाली पार्टियों के अनुपात के आधार पर ये सीटें आवंटित की जाएंगी.