पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि उसने पिछले सप्ताह काबुल में अपने मिशन हेड की हत्या के प्रयास के बाद अफगानिस्तान में अपने राजनयिकों की सुरक्षा बढ़ा दी है. दरअसल, अफगानिस्तान में पाकिस्तान के प्रभारी उबैद-उर-रहमान निजामी को शुक्रवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने निशाना बनाया. घटना तब हुई जब वह दूतावास परिसर में टहल रहे थे, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षा गार्ड ने उन्हें बचा लिया.
बढ़ाई गई राजनयिकों और मिशनों की सुरक्षा
विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलोच ने साप्ताहिक ब्रीफिंग में कहा कि पाकिस्तान निजामी पर बंदूक हमले की जांच को लेकर अफगान अधिकारियों के संपर्क में है. पाकिस्तान ने अपने राजनयिकों और हमारे मिशनों की सुरक्षा बढ़ा दी है. हम इस संबंध में अफगान अधिकारियों के साथ भी संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि- मैं सुरक्षा संबंधी मामलों के विस्तार में नहीं जाऊंगी.'
बलोच ने यह भी कहा कि विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी अपनी 3 दिवसीय पूर्वी एशिया यात्रा के दूसरे चरण में आज रात सिंगापुर की यात्रा करेंगे. वह कल शाम इंडोनेशिया के बाली में उतरे और आज रात सिंगापुर की यात्रा करेंगे. आज सुबह विदेश मंत्री ने 15वें बाली लोकतंत्र मंच में भाग लिया.
'खुद को मजबूत करे लोकतंत्र'
फोरम में, विदेश मंत्री ने अपने लोगों की जरूरतों के प्रति अधिक उत्तरदायी होने के लिए लोकतंत्रों को खुद को फिर से मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार का आह्वान किया और आम चुनौतियों का जवाब देने में सहयोग करने के लिए विकासशील देशों में लोकतंत्र के महत्व को रेखांकित किया.
विदेश मंत्री ने इंडोनेशिया के अपने समकक्ष रेटनो मार्सुडी के साथ बैठक की है. उन्होंने बोस्निया-हर्जेगोविना के विदेश मंत्री डॉ. बिसेरा तुर्कोविक के साथ भी बैठक की. सिंगापुर में विदेश मंत्री, विदेश मंत्री डॉ. विवियन बालकृष्णन और राष्ट्रपति हलीमा याकूब से मुलाकात करेंगे. इन बैठकों के दौरान, विदेश मंत्री आसियान में एक प्रमुख भागीदार, सिंगापुर के साथ अपने संबंधों के लिए पाकिस्तान द्वारा दिए गए महत्व पर जोर देंगे. दोनों पक्ष विविध क्षेत्रों में सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को गति देने के उपायों पर चर्चा करेंगे.
बता दें कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बीते शुक्रवार 2 दिसंबर को हुए हमले में पाकिस्तानी सुरक्षा कर्मी इसरार मोहम्मद जख्मी हो गए थे. वह सेना की कमांडो यूनिट से संबंधित हैं. मगर मिशन के हेड उबैद-उर-रहमान निजामी सुरक्षित बच गए थे. यह हमला ऐसे वक्त में हुआ था जब इस्लामाबाद दावा कर रहा था कि अफगानिस्तान में छुपी पाकिस्तान विरोधी ताकतें हमलों को अंजाम दे रही हैं.