पाकिस्तान के महशूर मौलाना तारिक जमील के करतारपुर कॉरिडोर में गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने को लेकर बवाल मच गया है. मुस्लिमों के बड़े धार्मिक गुरु कहे जाने वाले तारिक जमील के गुरुद्वारे जाने पर सोशल मीडिया पर लोग अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि तालिबान से जुड़े कई लोग भी इसे गलत बता रहे हैं.
शनिवार को मौलाना तारिक जमील धार्मिक विद्वानों के साथ करतारपुर साहिब पहुंचे थे. जहां गुरुद्वारा दरबार साहिब के मुख्य ग्रंथी सरदार गोबिंद सिंह, पंजाब में विधायक सरदार रमेश सिंह अरोड़ समेत कई लोगों ने उनका स्वागत किया था.
करतारपुर पहुंचने के बाद मौलाना तारिक जमील ने कहा कि बाबा गुरु नानक इंसानियत और भाईचारे के समर्थक थे. गुरुद्वारे पहुंचे मौलाना तारिक जमील को प्रशासन की ओर से सरोपा और कृपाण भी भेंटस्वरूप दी गई.
तारिक जमील ने बताया शांति का कॉरिडोर
इसके साथ ही मौलाना तारिक जमील ने गुरुद्वारे पहुंचे सिख श्रद्धालुओं से बात की. वहीं मौलाना तारिक जमील ने कहा कि करतारपुर शांति का कॉरिडोर है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यक वर्ग पूरी तरह से धार्मिक आजादी का आनंद ले रहा है.
मौलाना तारिक जमील ने अपनी यात्रा को लेकर ट्विटर पर भी जानकारी दी. मौलाना ने कहा कि, मैं करतापुर कॉरिडोर गया, जहां मैंने स्थानीय और विदेशी श्रद्धालुओं से मुलाकात की.
I visited Kartarpur Corridor,
— Tariq Jamil (@TariqJamilOFCL) September 25, 2022
where I met the local and foreign pilgrims and was presented with presents by the management. pic.twitter.com/1iaIVb09Jv
हालांकि, दुनियाभर में मशहूर मौलाना तारिक की करतारपुर कॉरिडोर की यात्रा को लेकर सोशल मीडिया पर काफी लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. इन लोगों में पाकिस्तानियों के साथ-साथ कुछ तालिबानी भी शामिल हैं. कई लोगों ने मौलाना तारिक जमील के गुरुद्वारे जाने को शर्मनाक भी बताया है.
सोशल मीडिया पर क्या बोल रहे पाकिस्तानी?
तारिक जमील के गुरुद्वारे जाने को लेकर एक यूजर ने कहा कि सूफियों की दरगाह पर जाना भी तारिक जमील गलत बताते हैं, लेकिन अब खुद गुरु नानक की कब्र पर करतारपुर पहुंचे हैं जो नास्तिकों में से एक हैं. क्या यह शिर्क नहीं है. वहीं, एक यूजर ने लिखा, आपने काफिरों के धार्मिक स्थल का दौरा किया और उन्हीं की वेशभूषा धारण की जबकि आप हमेशा एक ईश्वर में यकीन करते आए हैं और अल्लाह की इबादत सिखाते रहे हैं
Tariq jameel had said that it is SHIRK to visit the shrine of saints who are the preachers of Islam but now, he himself visited the grave of Guru Nanak in KartarPur who is one of the disbeliever.
— Ali Shan Rizvi (@AliShanRizvi01) September 25, 2022
Isn't it SHIRK?@TariqJamilOFCL https://t.co/d95ARPZM8e pic.twitter.com/0hPohBOmSC
वहीं एक अन्य यूजर ने तारिक जमील की करतारपुर यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि दाता दरबार ( पाकिस्तान की मशहूर दरगाह ) जाना शिर्क है और करतारपुर कॉरिडोर जाना सवाब.
Data darbar jana shirak hy or kirtar pur jana sawab https://t.co/pMfxNJN3xG
— Malik Awais Yaseen (@Malikawais_1234) September 25, 2022
वहीं तारिक जमील की यात्रा को लेकर एक अन्य पाकिस्तानी यूजर ने कहा कि मैंने कभी आपसे ज्यादा बड़ा पाखंडी अपनी जिंदगी में नहीं देखा है. ना ये कभी पैगंबर को लेकर बात करते हैं और ना ही कभी किसी मुद्दे को लेकर.
لعنت آپ پر۔ آپ سے بڑا منافق میں نے اپنی زندگی میں نہیں دیکھا، نہ ختم نبوت پر بولے، نہ ناموس رسالت پر نہ اور کسی ایشو پر، بس پیسہ بنایا اور سیاسی دربار بر طوائفوں کی طرح رائونڈ مارے۔✋ https://t.co/maxmUvAB2m
— Saith Ijaz Malik(ADVOCATE) (@saith_ijaz) September 25, 2022
वहीं एक तालिबानी यूजर ने भी तारिक जमील के गुरुद्वारे जाने पर तंज कसा है. यूजर ने ट्वीट करते हुए कहा कि, मौलाना तारिक जमील गुरुद्वारे गए और वहां जाकर सिखों को गिफ्ट दिए हैं. यूजर ने आगे कहा कि अगर कोई अफगान भारत का नाम ले लेता है तो उसे कहा जाता है कि इस्लाम छोड़ दिया है, लेकिन खुद मौलाना कभी अफगान मुस्लिमों को लेकर ट्वीट नहीं करते हैं.
مولانا طارق جمیل د کرتارپور په نوم د سیکانو له عبادت ګاء څخه لیدنه وکړه
— محمد افغان 🌲Muhammad Afghan (@DuPU3b8oWYi9h3Z) September 25, 2022
او سیکانو ته یې ډالۍ ورکړې،
افغانان چې د هند نوم واخلي وایې له مسلماني ووتي، بل مولانا د افغان مسلمانانو په پلوي چېرته ټویټ ونه کړ، https://t.co/6B0NJYxY5B