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IMF ने चेताया, FATF ने ब्लैक लिस्ट किया तो पाकिस्तान पैसे-पैसे को हो जाएगा मोहताज

IMF की स्टाफ लेवल रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के FATF की काली सूची में जाने का बड़ा खतरा है. ऐसा होता है तो पाकिस्तान में बाहर से पूंजी के आने पर बुरा असर पड़ेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में पूंजी आना बंद हो जाएगा और बाहर से होने वाला निवेश भी धड़ाम हो जाएगा.

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पाकिस्तान के पीएम इमरान खान
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान

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  • बंद हो जाएगा पूंजी का आना
  • बाहरी निवेश भी होगा धड़ाम

पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ‘ग्रे’ सूची से फरवरी 2020 तक बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान बहुत हाथ-पैर मार रहा है. FATF आतंकी गतिविधियों को मिलने वाले धन पर पैनी नजर रखने वाला ग्लोबल वॉचडॉग है.

FATF की ओर से दिए गए एक्शन प्लान पर अमल अपनी तरफ से पाकिस्तान दिखाने की कोशिश कर रहा है. वहीं इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने पाकिस्तान को चेताया है कि अगर वो FATF को संतुष्ट करने में नाकाम रहा और ‘काली’ सूची में आ गया तो वो बहुत गंभीर आर्थिक संकट में फंस जाएगा.

IMF की स्टाफ लेवल रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के FATF की काली सूची में जाने का बड़ा खतरा है. ऐसा होता है तो पाकिस्तान में बाहर से पूंजी के आने पर बुरा असर पड़ेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में पूंजी आना बंद हो जाएगा और बाहर से होने वाला निवेश भी धड़ाम हो जाएगा.

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रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान को IMF कार्यक्रम के तहत तालमेल बिठाने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. पहली तिमाही में यानी जुलाई से सितंबर में इस दिशा में पाकिस्तान का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा.

रिपोर्ट के मुताबिक, पहली तिमाही के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेक्टर पर खर्च को 92 अरब रुपए तक सीमित रखा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में IMF कार्यक्रम को FATF की ओर से गंभीर खतरा है क्योंकि पाकिस्तान के काली सूची में जाने से पूंजी की आमद पर सीधा असर होगा, वहीं कर्ज जुटाने की व्यवस्था भी लड़खड़ा जाएगी.  

IMF की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को FATF की ओर से रखे गए एक्शन प्लान को पूरा करने की दिशा में गंभीर चुनौतियों का सामना है. ताजा स्टेट्स रिपोर्ट बताती है कि टेरर फंडिंग रोकने और मनी लॉन्ड्रिंग को ब्लॉक करने में पाकिस्तान के प्रदर्शन में बहुत खामियां हैं.

एशियन पैसेफिक ग्रुप (APG)  ने पाकिस्तान की मूल्यांकन रिपोर्ट की समीक्षा की है. APG  ने देखा है कि पाकिस्तान की कोशिशें पर्याप्त नहीं हैं और ये जोखिम के स्तर से मेल नहीं खाती हैं.

पाकिस्तान 27 सूत्री कार्ययोजना (एक्शन प्लान) को पूरा करने और लागू करने में सफल नहीं रहा है, इसलिए IMF को जून 2020 तक अपने कार्यक्रम की शर्तों को नए सिरे से तय करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

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हालांकि IMF ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान को टेरर फंडिंग और और वित्तीय प्रतिबंधों से जुड़े FATF एक्शन प्लान के पाइंट 9 और 10 को मार्च 2020 तक कारगर तरीके से लागू करना होगा. सिर्फ ऐसी सूरत में ही पाकिस्तान में IMF कार्यक्रम अप्रभावित रहेगा.

IMF रिपोर्ट में चेताया गया है कि कार्यक्रम के उद्देश्यों को पूरा करने में नाकामी बाहर से मिलने वाले कर्ज की उपलब्धता पर बुरा असर डालेगी.

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