पाकिस्तान की माली हालत किसी से छिपी हुई नहीं है. अब तक देश की जनता ही महंगाई और गरीबी की मार का सामना कर रही थी. लेकिन अब इसकी जद में कैबिनेट मंत्री, उनके सलाहकार और सरकारी कर्मचारी भी आ गए हैं. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को सभी कैबिनेट मंत्रियों और सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में कटौती के आदेश दिए हैं.
शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि सभी मंत्रियों, सरकारी मुलाजिमों और सलाहकारों को वेतन और अन्य भत्ते नहीं दिए जाएंगे. इसके साथ ही इन्हें गैस, पानी और बिजली के बिलों का भुगतान भी अपनी ही जेब से करना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि सभी कैबिनेट मंत्रियों से उनके वाहन भी वापस लिए जा रहे हैं. इसके साथ ही हर मंत्री को अब सिर्फ एक ही सुरक्षा वाहन दिया जाएगा.
प्रधानमंत्री शहबाज का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से करार करने के बाद देश को फौरी तौर पर राहत देने के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं.
इन नए कदमों के तहत सभी मंत्रियों, सलाहकारों और विशेष सहायकों ने स्वैच्छिक तौर पर अपनी सैलरी नहीं लेने का फैसला किया है. इसके साथ ही सभी मंत्री अपने टेलीफोन, बिजली, पानी, गैस और अन्य संसाधनों का बिल अपनी जेब से भरेंगे. कैबिनेट मंत्रियों से उनकी सभी लग्जरी कारें लेकर उनकी नीलामी की जाएगी. जरूरतमंद मंत्रियों को ही सुरक्षा के लिए एक वाहन दिया जाएगा. इसके साथ ही सरकारी अधिाकरी अब से इकोनॉमी क्लास से सफर करेंगे और उनके सहायक अब आधिकारिक दौरों पर उनके साथ नहीं जाएंगे.
विदेशी दौरों के दौरान कैबिनेट मंत्री फाइव स्टार होटलों में नहीं रुकेंगे. सभी मंत्रियों और उनके सहायकों के खर्चों में 15 फीसदी की कटौती होगी.
सरकारी अधिकारियों को जून 2024 तक लग्जरी कारों को खरीदने की अनुमति नहीं होगी. इसके साथ ही गृह मंत्रालय इसका फैसला करेगा कि किन सरकारी अधिकारियों को सुरक्षा वाहन दिए जाएगे. सरकारी अधिकारियों के विदेशी दौरों के बजाए जूम कॉन्फ्रेंस को तवज्जो दी जाएगी. सरकार ने कहा है कि अगले आदेश तक किसी भी नए विभाग या डिवीजन को नहीं बनाया जाएगा, फिर चाहे वह तहसील के स्तर पर हो या केंद्रीय स्तर पर. देश में बिजली और गैस बचाने के लिए कार्यालयों को सुबह 7.30 बजे से शुरू किया जाएगा.
बता दें कि इससे पहले जनवरी में पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की बनाई हुई नेशनल ऑस्टेरिटी कमेटी आर्थिक संकट से उबरने के लिए सरकारी कर्मचारियों की सैलरी 10% तक काटने का प्रस्ताव रखा गया था. साथ ही मंत्रियों की संख्या कम करने की सलाह दी थी.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पिछले हफ्ते एक कार्यक्रम में कहा था कि पाकिस्तान पहले ही दिवालिया हो चुका है. हम एक दिवालिया देश में रह रहे हैं. देश की इस हालत के लिए राजनैतिक नेताओं समेत सेना और नौकरशाही पर निशाना साधा.
महंगाई बढ़ी, बेरोजगारी संकट गहराया
देश में महंगाई 30 फीसदी के करीब पहुंच चुकी है. आटा-दाल-चावल से लेकर पेट्रोल-डीजल तक के दाम आसमान छू रहे हैं. मांग बढ़ने से आवश्यक सामान की किल्लत तेजी से बढ़ रही है.वहीं पाकिस्तान के खराब होते हालातों से घबराकर लोग पाकिस्तान छोड़कर भागने लगे हैं.
वहीं पाकिस्तान में बेरोजगारी का संकट गहराता जा रहा है. दवा कंपनियों में काम रुकने की वजह से लोगों को बेरोजगारी के साथ ही बीमारी के इलाज में दवाओं की भारी किल्लत का सामना भी करना पड़ सकता है.