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आतंकी तहव्वुर राणा भारत के शिकंजे में क्या आया, पाकिस्तान छुड़ाने लगा पीछा... आया पहला रिएक्शन

भारत पहुंचते ही एनआईए की टीम आधिकारिक रूप से राणा को हिरासत में ले लेगी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भी हाई अलर्ट कर दिया गया है. साथ ही SWAT कमांडोज को भी एयरपोर्ट पर तैनात किया गया है. 

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तहव्वुर राणा
तहव्वुर राणा

2008 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को आज अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया जा रहा है. इस मामले पर आज पाकिस्तान ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है.

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पाकिस्तान ने तहव्वुर राणा के मामले में दूरी बना ली है. विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा है कि तहव्वुर राणा ने बीते दो दशक में अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों को रिन्यू नहीं किया है. वह स्पष्ट रूप से कनाडा का नागरिक है. 

बता दें कि पाकिस्तान तहव्वुर राणा से इसलिए दूरी बना रहा है क्योंकि वह पाकिस्तानी सेना से जुड़ा हुआ था और अब 2008 मुंबई आतंकी हमले की साजिश में वह पाकिस्तान की प्रत्यक्ष भूमिका पर कुछ खुलासा कर सकता है. 

तहव्वुर राणा को स्पेशल प्लेन से राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) और RAW की टीम भारत ला रही है. यह विमान किसी भी वक्त दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड कर सकता है.

भारत पहुंचते ही एनआईए की टीम आधिकारिक रूप से राणा को हिरासत में ले लेगी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भी हाई अलर्ट कर दिया गया है. साथ ही SWAT कमांडोज को भी एयरपोर्ट पर तैनात किया गया है. इसके अलावा एयरपोर्ट के बाहरी क्षेत्र में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (CAPF) की सिक्योरिटी विंग और स्थानीय पुलिस मुस्तैद रहेगी.

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तहव्वुर राणा को सीधे एनआईए के दफ्तर लाया जाएगा. एनआईए दफ्तर और उसके आसपास हाई लेवल सिक्योरिटी है. राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जा सकता है. कहा जा रहा है कि सुरक्षा कारणों से उसे वर्चुअली ही एनआईए जज के समक्ष पेश किया जाएगा. पेशी से पहले उसका मेडिकल टेस्ट किया जाएगा. तहव्वुर राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल के हाई-सिक्योरिटी वॉर्ड में रखा जाएगा. जेल प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष बंदोबस्त किए हैं. 

कौन है तहव्वुर राणा?

तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. उसने आर्मी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की और पाकिस्तान आर्मी में 10 साल तक बतौर डॉक्टर काम काम किया. लेकिन तहव्वुर राणा को अपना काम पसंद नहीं आया और उसने ये नौकरी छोड़ दी. भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वाला तहव्वुर राणा अभी कनाडा का नागरिक है. लेकिन हाल में वह शिकागो का निवासी था, जहां उसका बिजनेस है.

अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक, उसने कनाड़ा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड की यात्राएं की है और वहां रहा है, वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है. अदालत के दस्तावेज बताते हैं कि 2006 से लेकर नवंबर 2008 तक तहव्वुर राणा ने पाकिस्तान में डेविड हेडली और दूसरे लोगों के साथ मिलकर साजिश रची. इस दौरान तहव्वुर राणा ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और हरकत उल जिहाद ए इस्लामी की मदद की और मुंबई आतंकी हमले की प्लानिंग की और इसे अमली जामा पहनाने में मदद की. आतंकी हेडली इस मामले में सरकारी गवाह बन गया है.

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26 नवंबर 2008 को क्या हुआ था?

26 नवंबर 2008 को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर आतंकी हमला हुआ था. आतंकियों के इस हमले को नाकाम करने के लिए 200 एनएसजी कमांडो और सेना के पचास कमांडो को मुंबई भेजा गया था. इसके अलावा सेना की पांच टुकड़ियों को भी वहां तैनात किया गया था. हमले के दौरान नौसेना को भी अलर्ट पर रखा गया था.

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