आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान को अब बाढ़ ने बेहाल कर दिया है. देश में महंगाई आसमान छू रही है. पाकिस्तान कपास (Cotton) की किल्लत से जूझ रहा है, ऐसे में देश के टेक्सटाइल सेक्टर ने भारत से कपास के आयात पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग की है. इस पर पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल (Miftah Ismail) का कहना है कि भारत से कपास के आयात पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग पर सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है.
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इस्माइल ने पाकिस्तान में भयावह बाढ़ की वजह से नष्ट हुई कपास की फसल के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि बाढ़ से 3.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं. देश का एक-तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है, जिससे देश को 10 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है.
भारत से व्यापार के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए इस्माइल ने कहा कि ऑल पाकिस्तान टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन (एपीटीएमए) ने संघीय सरकार से मांग की है कि भारत से कपास के आयात की मंजूरी दी जाए लेकिन सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई फैसला नहीं किया है.
बता दें कि अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार संंबंधों पर विराम लगा दिया था. लेकिन इससे पाकिस्तान पर बुरा असर पड़ा है. पाकिस्तान में जरूरी सामानों की किल्लत बढ़ गई है और कीमतें आसमान छू रही हैं.
पाकिस्तान में फसलें नष्ट होने की वजह से प्याज और टमाटर की किल्लत बढ़ गई है. सबसे पहल इस्माइल ने ही भारत से प्याज और टमाटर का आयात करने के विकल्प के संकेत दिए थे. लेकिन विपक्ष की आलोचना के बाद उन्होंने बाद में कहा था कि सरकार इस मामले पर गठबंधन साझेदारों से चर्चा करेगी.
इसके बाद पाकिस्तान ने ईरान और अफगानिस्तान से प्याज और टमाटर के आयात को मंजूरी दी. इस्माइल ने कहा कि टमाटर और प्याज जैसी सब्जियों का आयात अफगानिस्तान से किया जा रहा है. इन आयातों की वजह से बाजार में स्थिरता आने पर सरकार सरकार को भारत से इन कमोडिटीज का आयात करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
इस दौरान वित्त मंत्री ने बिजली और पेट्रोलियम की कीमतों में बढ़ोतरी की भी बात की, जिसके लिए उन्होंने पूर्ववर्ती इमरान खान सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने साथ में अगले महीने से देश में महंगाई दर कम होने के भी संकेत दिए. उन्होंने कहा, देश को एक और महीने मंहगाई का सामना करना पड़ेगा.
उन्होंने इमरान खान सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि उनकी सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक फंड (आईएमएफ) के साथ किए गए वादे का पालन नहीं किया. दरअसल पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच देश के लोगों को बिजली, गैस और पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी देने की सहमति बनी थी.
वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने आईएमएफ से वादा किया था कि कारोबारियों को पेट्रोलियम, गैस और बिजली पर कोई राहत नहीं दी जाएगी लेकिन वह इस वादे पर खरे नहीं उतरे. इरमान खान की पीटीआई सरकार ने फरवरी 2022 में कारोबारियों को इन उत्पादों पर छूट दी थी उन्होंने कहा, यही कारण है कि बिजली और पेट्रोलियम उत्पादों के दाम अब आसमान छू रहे हैं.