कर्ज के बोझ तले दबा पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय संगठनों के दबाव में अपने फैसले लेने को मजबूर है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तरीन ने खुद ये बात कही है. तरीन ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के दबाव ने सरकार के कई फैसलों को प्रभावित किया है. शौकत तरीन ने यह टिप्पणी पूरक वित्त बिल 2021 और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान संशोधन बिल पर बात करते हुए हुए कही.
पाकिस्तान की संसद में ये बिल IMF की समीक्षा बैठक को देखते हुए पेश किए गए हैं. IMF पाकिस्तान को 6 अरब डॉलर का फंड देने वाला है. लेकिन जिन शर्तों के आधार पर पाकिस्तान को ये फंड मिलेगा, उसे लेकर पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों और पाकिस्तान के बुद्धिजीवियों में रोष है.
पिछले हफ्ते जब बिल संसद में पेश किया गया था तब विपक्षी पार्टी के नेताओं ने कहा था कि ये पाकिस्तान को बेचने के लिए लाया गया बिल है. विपक्षी पार्टियों ने कहा था कि आर्थिक नीतियों पर सरकार के पास फैसले लेने की क्षमता नहीं रह गई है और वो IMF के दबाव में फैसले ले रही है.
'IMF के दबाव में पाकिस्तान की सरकार ले रही कई फैसले'
विपक्षी पार्टियों के इन आरोपों पर अब पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने मुहर लगा दी है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने जियो न्यूज के कार्यक्रम 'जियो पाकिस्तान' में बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान सरकार अपने कई फैसले IMF के दबाव के कारण ले रही है. शौकत तरीन ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिका के निकल जाने के बाद IMF से 6 अरब डॉलर फंड बहाल करने को लेकर बातचीत आसान नहीं थी.
उन्होंने कहा कि पूरत वित्त बिल और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान संशोधन बिल 2021 को कैबिनेट की मंजूरी के बाद संसद में पेश किया गया है और अब सरकार दोनों विधेयकों को जल्द से जल्द मंजूरी दिलाने का प्रयास करेगी.
शौकत तरीन ने कहा कि संसद में पेश किए गए बिल पर सहयोगियों (IMF) को विश्वास में लेने के लिए उन्हें विस्तृत ब्रीफिंग दी गई है और उनकी आशंकाओं को दूर किया गया है. तरीन ने कहा, 'हमारे सहयोगियों को बताया गया है कि बिल की क्षमता 343 अरब से अधिक नहीं है और वे इसे समझ गए हैं.'
पाकिस्तान द्वारा लाए गए बिल में यह कहा गया है कि पाकिस्तान की सरकार 144 वस्तुओं पर 17% की जीएसटी लगाकर 343 अरब टैक्स की उगाही करेगी.
शौकत तरीन ने पाकिस्तान के नए बिलों पर बात करते हुए कहा कि जैसे ही संसद दोनों बिल को मंजूरी देगी, नए टैक्स की प्रक्रिया शुरू कर IMF को इसकी जानकारी दे दी जाएगी. उन्होंने आगे कहा, 'हमने IMF से 12 जनवरी को बैठक बुलाने को कहा है और वे बैठक बुलाने पर सहमत हो गए हैं.'
शौकत तरीन ने उम्मीद जताई कि IMF की समीक्षा बैठक के 3-4 दिनों के बाद ही पाकिस्तान को IMF की तरफ से मिलने वाले फंड की पहली किस्त मिल जाएगी. IMF की कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद ही पाकिस्तान को लगभग एक अरब डॉलर की पहली किस्त मिलेगी.
SBP Amendment Bill, 2021 पर भी बोले पाकिस्तान के वित्त मंत्री
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान संशोधन बिल (SBP Amendment Bill 2021) पर बात करते हुए तरीन ने कहा कि ये बिल भी संसद में जल्द से जल्द पास हो जाएगा. इस बिल को लेकर पाकिस्तान का प्रधानमंत्री कार्यालय भी सवाल खड़े कर चुका है.
पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि इमरान खान के कार्यालय ने बिल की एक धारा, 46 B (4) पर कड़ी आपत्ति जताई थी, जिसमें पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक को स्वायत्तता देने की बात कही गई थी.
पीएमओ ने इस उपबंध को बिल से हटाने की बात कही थी लेकिन कैबिनेट में जब बिल पेश किया गया तो उसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया था.
बैंक को स्वायत्तता दिए जाने के प्रस्ताव पर बोलते हुए शौकत तरीन ने कहा कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को स्वायत्तता दी जा रही है लेकिन बैंक को कभी भी पाकिस्तान सरकार से अलग नहीं किया जा सकता है और वित्त मंत्रालय की भूमिका को समाप्त नहीं किया जा सकता है.
इस बिल के तहत वर्षों पुरानी पॉलिसी बोर्ड (MFPCB) को भी समाप्त किया जा रहा है. इस बात को लेकर शौकत तरीन ने कहा कि इससे कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ने वाला है. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसे खत्म किए जाने को लेकर भी चिंता जताई है कि अब बैंक की मौद्रिक नीतियों पर सरकार और वित्त मंत्रालय की राय नहीं ली जाएगी.
इस बात का खंडन करते हुए पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने कहा कि वो इन मुद्दों पर केंद्रीय बैंक के गवर्नर के साथ दिन में कम से कम तीन बार बात करते हैं और उनके बीच गलतफहमी और मतभेदों के बारे में धारणा गलत है.
पाकिस्तान की जनता पर पड़ेगी महंगाई की दोहरी मार
पाकिस्तान में इन नए बिलों को विपक्ष मिनी बजट कह रहा है. इस मिनी बजट के द्वारा पाकिस्तान की सरकार 144 सामानों पर 17% जीएसटी लगाकर 343 अरब की उगाही करेगी. हालांकि टैक्स वसूली की बात पर वित्त मंत्री कहते हैं, 'हम मिनी बजट में नए कर नहीं लगा रहे हैं, बल्कि 343 अरब रुपए की कर छूट वापस ले रहे हैं.'
पाकिस्तान की जनता पहले से ही कमरतोड़ महंगाई से जूझ रही है. अब नए करों से जनता पर टैक्स का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.