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हताश बिलावल भुट्टो ने माना अब कश्मीर पर UN में नहीं मिल पा रहा सपोर्ट

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा 'और जब भी कश्मीर का मुद्दा उठाया जाता है, तो हमारे भीतर के दोस्त.. हमारे दोस्त… हमारे.. हमारे… हमारे… पड़ोसी देश, कड़ी आपत्ति जताते हैं, मुखर रूप से आपत्ति जताते हैं और वे एक पोस्ट-फैक्ट नैरेटिव को आगे बढ़ाते हैं जहां वे दावा करने की कोशिश करते हैं कि यह संयुक्त राष्ट्र के लिए कोई विवाद नहीं है.'

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बिलावल भुट्टो जरदारी
बिलावल भुट्टो जरदारी

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने स्वीकार किया है कि संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे के "केंद्र" में कश्मीर मुद्दे को लाने के लिए इस्लामाबाद को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. जरदारी ने हिचकिचाते हुए भारत का जिक्र किया और "पड़ोसी" शब्द का इस्तेमाल करने से पहले "हमारा दोस्त" बताया. जरदारी ने शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "आपने यह भी नोट किया है कि संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर को एजेंडे के केंद्र में लाने के लिए हमें विशेष रूप से कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है."  

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यूएन में हमेशा कश्मीर मुद्दा उठाता है पाक
 
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र में चाहे जिस विषय या एजेंडे पर चर्चा की जा रही हो, पाकिस्तान उसके हर मंच पर जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को उठाता है. हालांकि, यह संयुक्त राष्ट्र की व्यापक सदस्यता से अपने एजेंडे के लिए कोई समर्थन प्राप्त करने में विफल रहता है जो कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा मानता है.

भारत के जिक्र पर हिचकिचाए बिलावल

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा 'और जब भी कश्मीर का मुद्दा उठाया जाता है, तो हमारे भीतर के दोस्त.. हमारे दोस्त… हमारे.. हमारे… हमारे… पड़ोसी देश, कड़ी आपत्ति जताते हैं, मुखर रूप से आपत्ति जताते हैं और वे एक पोस्ट-फैक्ट नैरेटिव को आगे बढ़ाते हैं जहां वे दावा करने की कोशिश करते हैं कि यह संयुक्त राष्ट्र के लिए कोई विवाद नहीं है, यह एक विवादित क्षेत्र नहीं है जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए मान्यता चाहिए हो.'

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अनुच्छेद 370 हटने के बाद से भारत पाक में तनाव

बता दें कि भारत द्वारा 5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया.

भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना एक आंतरिक मामला था. इसने पाकिस्तान को सच्चाई को स्वीकार करने और भारत विरोधी सभी प्रचार बंद करने की भी सलाह दी है. भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में इस्लामाबाद के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है.

बताते चलें कि दो दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी द्वारा महिलाओं, शांति और सुरक्षा पर सुरक्षा परिषद की बहस में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने के बाद भारत ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि वह इस तरह के 'दुर्भावनापूर्ण और झूठे प्रचार' का जवाब देना जरूरी नहीं समझता है. जम्मू-कश्मीर पर जरदारी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने उनकी टिप्पणी को 'निराधार और राजनीति से प्रेरित' करार दिया.

'इनके झूठे प्रचार का जवाब देना जरूरी नहीं'

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस में बोलते हुए कंबोज ने कहा, "मेरा प्रतिनिधिमंडल इस तरह के दुर्भावनापूर्ण और झूठे प्रचार का जवाब देना भी जरूरी नहीं समझता है." उन्होंने कहा "बल्कि, हमारा ध्यान वहां है जहां यह हमेशा रहेगा - सकारात्मक और दूरंदेशी. महिला, शांति और सुरक्षा एजेंडे के पूर्ण कार्यान्वयन में तेजी लाने के हमारे सामूहिक प्रयासों को मजबूत करने के लिए आज की चर्चा अत्यंत महत्वपूर्ण है. हम बहस के विषय का सम्मान करते हैं और समय के महत्व को पहचानते हैं. ऐसे में हमारा फोकस विषय पर बना रहेगा.'

 

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