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इक्कीस महीने बाद PAK विदेश मंत्री ने माना, J-K से 370 हटाना भारत का आंतरिक मसला

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक इंटरव्यू में कहा कि जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना भारत का आंतरिक मामला है. उन्होंने कहा कि बातचीत से ही दोनों देश के बीच जो मसले हैं, उसे सुलझाया जा सकता है.

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पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (फाइल फोटो-PTI)
पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कुरैशी बोले, 370 हटाना भारत का आंतरिक मामला
  • 'बातचीत से ही मसले हल हो सकते हैं'

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. पाकिस्तान के न्यूज चैनल समा टीवी को दिए इंटरव्यू में महमूद कुरैशी ने आर्टिकल 370 को भारत का आंतरिक मामला माना है. अभी तक पाकिस्तान आर्टिकल 370 हटाए जाने का विरोध करता रहा था, लेकिन आर्टिकल 370 हटने के 21 महीने बाद महमूद कुरैशी ने सार्वजनिक तौर पर इसे भारत का आंतरिक मसला बताया है. 

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केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को खास दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटा दिया था. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी बांट दिया था. दोनों को ही केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया. हालांकि, जम्मू-कश्मीर को विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है, जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं है.

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का पाकिस्तान की तरफ से जमकर विरोध किया गया. अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान की तरफ से इसके खिलाफ आवाज उठाई गई. हालांकि, अब वहां के विदेश मंत्री ने आर्टिकल 370 हटाए जाने को भारत का आंतरिक मामला बताया है.

समा टीवी को दिए इंटरव्यू में महमूद कुरैशी ने कहा, "370 हटाना भारत का आंतरिक मसला है. इस पर वहां की सुप्रीम कोर्ट सुनवाई भी कर रही है. इसे चुनौती दी गई है. कश्मीर में जो भी कदम उठाए गए हैं, उसकी कड़ी प्रतिक्रिया हुई है. चाहे वो 370 की शक्ल में हो या 35A की. एक बहुत बड़ा तबका मानता है कि इन कदमों से हिंदुस्तान ने खोया ज्यादा है और पाया कम है."

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उन्होंने कहा कि हम 370 को ज्यादा अहमियत नहीं देते. हमें 35A से परेशानी है. उन्होंने कहा, "हमारी परेशानी तो 35A को लेकर है, क्योंकि इससे कश्मीर के भूगोल और आबादी का संतुलन बदलने की कोशिश की जा रही है."

कुरैशी ने कहा, "दोनों देशों के बीच बातचीत के अलावा कोई और रास्ता नहीं है. दो परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं. इनके अपने मसले हैं. इनको आज, कल या परसों हल करना होगा. उनको हल करने का तरीका क्या है? जंग तो ऑप्शन है नहीं. जंग तो खुदकुशी हो सकती है. और अगर जंग ऑप्शन नहीं है, तो बातचीत ऑप्शन है. अगर बातचीत ऑप्शन है तो बैठकर मुद्दों को हल किया जा सकता है."

 

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