scorecardresearch
 

परमाणु धमकी भी नहीं आई काम, मुंह लटकाकर बातचीत की टेबल पर आया पाकिस्तान

भारत को जंग की धमकी और परमाणु हमले की धौंस देने वाला पाकिस्तान आखिरकार मुहं लटकाकर बातचीत की टेबल पर आ गया है. कश्मीर मुद्दे पर दुनिया भर में अपना दुष्प्रचार बेचने में नाकाम रहने पर विदेश मंत्री शाह महूमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान तो भारत से द्विपक्षीय बातचीत में कोई ऐतराज नहीं है.

Advertisement
X
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (फोटो-ANI)
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (फोटो-ANI)

Advertisement

  • परमाणु युद्ध की धमकी के बाद पाक ने दिया वार्ता का ऑफर
  • विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा हम बातचीत के खिलाफ नहीं
  • इमरान ने कहा था अब भारत ने नहीं हो सकती बातचीत

भारत को जंग की धमकी और परमाणु हमले की धौंस देने वाला पाकिस्तान आखिरकार मुहं लटकाकर बातचीत की टेबल पर आ गया है. कश्मीर मुद्दे पर दुनिया भर में अपना प्रोपगैंडा बेचने में नाकाम रहने के बाद विदेश मंत्री शाह महूमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान को भारत से द्विपक्षीय बातचीत में कोई ऐतराज नहीं है.

विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि पाकिस्तान ने कभी भी बातचीत से इनकार नहीं किया है. बता दें कि पाकिस्तान का ये बयान तब आया है जब कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म किए जाने के बाद अब भारत से कोई बातचीत नहीं हो सकती है.

Advertisement

शाह महमूद कुरैशी ने वार्ता की पेशकश करते हुए कहा कि अगर इसमें कोई तीसरा पक्ष मध्यस्थता करता है तो पाकिस्तान को खुशी होगी, हालांकि उन्होंने कहा कि भारत की ओर से उन्हें वार्ता का कोई माहौल नहीं दिखता है. कुरैशी ने कहा, "फिलहाल भारत द्वारा बातचीत का कोई माहौल नहीं दिखता है." शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि कश्मीर मामले के तीन पक्ष हैं. भारत-पाकिस्तान और कश्मीर. कुरैशी ने कहा कि वार्ता शुरू होने के लिए जरूरी है कि नजरबंद किए गए कश्मीरी नेताओं को रिहा किया जाए.

कुरैशी ने बातचीत के लिए एकपक्षीय शर्त रखते हुए कहा कि उन्हें कश्मीरी नेतृत्व से मिलने की इजाजत दी जाए, ताकि वे उनसे बात कर सकें और फिर कश्मीरी नेतृत्व पर बातचीत के लिए दबाव डाल सकें.

शाह महमूद कुरैशी का ये बयान हाल के दिनों में पाकिस्तान की विदेश नीति में बड़ा बदलाव है. इस बयान से पहले तक पाकिस्तान के हुक्मरान भारत के साथ सामान्य रिश्ते की सारी संभावना खारिज कर चुके थे और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से परमाणु हमले की धमकी दे रहे थे.

दरअसल कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान ने जितना हो सके दुनिया को बरगलाने की कोशिश की. पाकिस्तान दुनिया के ताकतवर मुल्कों के पास गया, इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी से गुहार लगाई. मानवाधिकार संगठनों के पास जम्मू-कश्मीर की झूठी कहानी सुनाई, लेकिन पाकिस्तान के रुख और पुराने रिकॉर्ड से वाकिफ दुनिया ने हमारे पड़ोसी का तर्क न सिर्फ मानने से इंकार कर दिया, बल्कि रूस, फ्रांस, अमेरिका और यूएई जैसे देशों ने तो दो टूक कहा कि कश्मीर मुद्दा द्विपक्षीय है, और इसमें किसी के दखल की जरूरत नहीं है. इसके अलावा इन देशों ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 पर लिया गया फैसला भारत का आंतरिक मामला है.

Advertisement

कई देशों से निराशा और मनमाफिक कूटनीतिक कामयाबी न मिलने के बाद पाकिस्तान ने भारत को बातचीत का ऑफर दिया है. शुक्रवार को न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखे एक लेख में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी बातचीत की ओर संकेत दिया था. हालांकि इमरान खान ने इसके लिए ऐसी शर्तें रखी थी जो भारत को शायद ही मान्य ही होती. इमरान ने लिखा था कि बातचीत के लिए जरूरी है कि भारत जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के फैसले पर विचार करे.

Advertisement
Advertisement