पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह की कार्यवाही औपचारिक तौर पर शुरू हो गई है और एक न्यायिक आयोग गठित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से संपर्क किया जाएगा.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार 69 वर्षीय मुशर्रफ ने एक रक्तहीन तख्तापलट के द्वारा प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की निर्वाचित सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था और वर्ष 2007 में संविधान को निलंबित कर आपात काल लागू कर दिया था.
आंतरिक मंत्री चौधरी निसार अली खान ने कहा कि दो बार संविधान का उल्लंघन करने के कारण मुशर्रफ पर राजद्रोह का मुकदमा चलेगा.
खान ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "पाकिस्तान सरकार सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से अपील करेगी कि प्रधान न्यायाधीश राजद्रोह के मामले के लिए तीन सदस्यों आयोग का गठन करें." उन्होंने कहा कि संघीय जांच एजेंसी द्वारा तैयार एक रिपोर्ट को न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा.
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि मुशर्रफ को राजद्रोह के मामले में दोषी करार दिया गया तो उन्हें मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा का सामना करना पड़ सकता है.
नवाज शरीफ ने सत्ता में आने के बाद जून में नेशनल असेंबली में कहा था कि मुशर्रफ पर राजद्रोह का मामला चलाया जाएगा.