पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की करीबी राजनेता ने शनिवार को दावा किया कि पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा अफगान तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद देश में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के सदस्यों को "पुनर्वास" करना चाहते थे. इमरान सरकार में पूर्व मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब देश भर में आतंकवादी गतिविधियों में काफी वृद्धि हुई है. कराची में बीते शुक्रवार की रात पुलिस प्रमुख के कार्यालय पर हमला हुआ था.
डॉन न्यूज के एक प्रोग्राम में शिरीन मजारी ने बताया, "बाजवा ने तालिबान का मामला उठाया…कि टीटीपी में पाकिस्तानी राष्ट्रीयता वाले लोग हैं जो देश लौटना चाहते हैं… यदि वे संविधान को स्वीकार करते हैं और हथियार डालते हैं तो कुछ के लिए कुछ किया जाना चाहिए और बातचीत होनी चाहिए." PTI नेता ने कहा कि इस सुझाव को लेकर पार्टी सांसदों की मीटिंग बुलाई गई थी."
उन्होंने कहा, "मीटिंग में निर्णय लिया गया कि बातचीत शुरू करने से पहले आम सहमति बनाने के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों और सेना के बीच एक कमेटी बनाई जाएगी क्योंकि हमारे निर्वाचित लोगों के पास बहुत सी आपत्तियां हैं." मजारी ने कहा कि पीटीआई ने मांग की थी कि पहले आम सहमति बनाई जानी चाहिए और फिर टीटीपी के साथ बातचीत शुरू की जानी चाहिए.
बाजवा के खिलाफ एक्शन की मांग
इसके बाद उन्होंने अफसोस जताया कि बाद में पीटीआई सरकार को बाहर कर दिया गया और मौजूदा सरकार को "इस बात की परवाह नहीं थी कि किससे क्या बातचीत की जानी है." संविधान के कथित उल्लंघन के लिए जनरल बाजवा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की पीटीआई अध्यक्ष खान की मांग के बारे में पूछे जाने पर मजारी ने कहा कि पार्टी के पास इसके लिए सभी विकल्प खुले हैं.
इमरान का फोन टेप होने का दावा
इमरान खान ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से संपर्क किया है और पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटायर्ड) कमर जावेद बाजवा के खिलाफ उनकी शपथ की शर्तों का बार-बार उल्लंघन करने के लिए जांच की मांग की है, जिसमें इमरान के शासनकाल के दौरान उनके साथ गुप्त रूप से बातचीत को टेप करना भी शामिल है.
जब मजारी से सवाल पूछा गया कि क्या जनरल बाजवा द्वारा इमरान को कोई धमकी दी गई थी, इस पर पूर्व मंत्री ने जवाब दिया कि सुना गया है कि उन्होंने बहुत धमकियां दीं. मैं भी कई मीटिंग्स में मौजूद थी, लेकिन मैं अभी कुछ नहीं कहना चाहती. सब कुछ अपने समय पर सामने आएगा. उन्होंने कहा कि कई चीजें देश के लिए संवेदनशील और गोपनीय हैं, भले ही जनरल बाजवा ने ऐसा नहीं किया हो.