पाकिस्तान में 2 महीने तक चला चुनाव प्रचार अब खत्म हो चुका है और वहां की जनता कल देश के नए नेतृत्व के लिए मतदान करेगी. अब तक कयासों के आधार पर पीटीआई के नेता इमरान खान सबसे आगे चल रहे हैं और उन्हें अगले प्रधानमंत्री के रूप में देखा जा रहा है.
अगले 24 घंटों के अंदर पाकिस्तान में वोटिंग शुरू हो जाएगी और भारत समेत दुनिया के कई देशों की नजर इस चुनाव पर बनी हुई है.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान इस चुनाव को लेकर खासे उत्साहित हैं और चुनाव प्रचार खत्म होने के 16 घंटे बाद उन्होंने ट्वीट कर अपने कार्यकर्ताओं को आज रात जल्दी सो जाने और अगली सुबह तरोताजा होकर उठने को कहा है. साथ ही चौकन्ना रहने को भी कहा है.
All PTI workers and esp our polling agents should sleep early and be fresh and vigilant all day tomorrow to make history.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) July 24, 2018
अपने ट्वीट में इमरान ने कहा कि पाकिस्तान की जनता इस ऐतिहासिक चुनाव में जरूर हिस्सा ले और कल होने वाले मतदान में शामिल हो. देश के 4 दशक में पहली बार बड़े बदलाव का मौका है. इस मौके को मिस मत करिए.
हालांकि कहा जा रहा है कि यह चुनाव सिर्फ दिखावाभर है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार पाकिस्तान में इलेक्शन नहीं सिर्फ सेलेक्शन होने वाला है. पाकिस्तान के नए वजीरे आजम यानी प्रधानमंत्री का सेलेक्शन चुनाव के जरिए पाकिस्तानी अवाम नहीं, बल्कि पाकिस्तानी सेना करने जा रही है.People of Pakistan must come out and vote tomorrow in this historic election. This is the first time in 4 decades the nation has a chance to defeat the entrenched status quo. Don’t miss this opportunity.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) July 24, 2018
इमरान खान को पाक सेना का पसंदीदा बताया जा रहा है. कुछ दिन पाकिस्तान के एक बड़े अंग्रेजी अखबार के अधिकारी ने एक इंटरव्यू में आरोप लगाया है कि पाक सेना वहां के चुनावों में हस्तक्षेप कर रही है और क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई का समर्थन कर रही है.
देश के एक आध टीवी चैनलों को छोड़कर बाकी चैनलों ने तो इमरान खान को तकरीबन जीता हुआ घोषित कर दिया है. हालांकि ओपीनियन पोल की तस्वीर उल्टी हुई है और उनके अनुसार देश की जनता नवाज शरीफ की पार्टी को फिर से पाकिस्तान की गद्दी नवाज रही है.
साल 2013 के चुनाव में इमरान की पीटीआई पार्टी को पहली बार कौमी असेंबली की 32 सीटें मिली थीं और नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन ने 166 सीटें हासिल की थी.