मुंबई हमले के लिए फंडिंग करने वाले लश्कर के पूर्व आतंकी सूफियान जफर को पाकिस्तानी जांच एजेंसी ने बरी कर दिया है. फेडरल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एफआईए) ने सूफियान के खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुआ.
मुंबई हमले के सिलसिले में लश्कर-ए-तैयबा के पूर्व आतंकवादी सूफियान को पिछले महीने ही गिरफ्तार किया गया था. सूफियान पर मुंबई हमले के लिए 14,800 रुपये की रकम मुहैया कराने और हमले से पहले सह-आरोपी शाहिद जमील रियाज को 39.8 लाख रुपये देने का आरोप था.
जफर के खिलाफ नहीं मिले सबूत
एफआईए के एक अधिकारी का कहना है कि जांच के दौरान जफर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला. पूरी जांच के दौरान इस बात को साबित नहीं किया जा सका कि उसने मुंबई मामले में गिरफ्तार एक संदिग्ध को वित्तीय मदद की थी. इस मामले में जफर के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी नहीं दायर की जाएगी.
पिछले महीने हुआ था गिरफ्तार
मुंबई मामले में भगोड़ा अपराधी घोषित किए जाने के बाद जफर छिपा हुआ था. उसे पिछले महीने खैबर पख्तूनख्वा स्थित उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया था.
वांछित अपराधियों में से एक
लाहौर से तकरीबन 80 किलोमीटर दूर पंजाब के गुजरावाला जिले का निवासी जफर मुंबई हमले में वांछित 21 अन्य संदिग्धों में शामिल है. छह अन्य संदिग्ध- अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हम्माद आमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनूस अंजुम 2009 से रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं.
लश्कर का कमांडर जकीउर रहमान लखवी मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड बताया जाता है. सालभर पहले जमानत पर रिहा होने के बाद से ही वह छिपा हुआ है.
हमले में 166 लोगों की गई थी जान
मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए हमले में कम से कम 166 लोग मारे गए थे. इस घटना को लश्कर के 10 आतंकियों ने अंजाम दिया था जिसमें केवल एक ही आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया था जिसे बाद में फांसी दे दी गई.