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ईशनिंदा के शक में जल उठा पाकिस्तान! चर्चों पर हमले, तोड़फोड़-आगजनी, अमेरिका बोला- हिंसा बर्दाश्त नहीं

पाकिस्तान में एक बार फिर अल्पसंख्यकों पर हमला हुआ है. फैसलाबाद में इस्लाम की पवित्र पुस्तक जलाने के आरोप में भीड़ ने चर्चों पर अटैक किया है. वहां तोड़फोड़ और आगजनी की है. ईसाई समुदाय के घरों को भी तोड़ा है. घटना को लेकर पाकिस्तान के राजनीतिक दलों ने निंदा की है. अमेरिका ने कहा है कि हिंसा या हिंसा की धमकी कभी भी स्वीकार्य नहीं है.

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पाकिस्तान के फैसलाबाद में चर्चों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई है.
पाकिस्तान के फैसलाबाद में चर्चों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई है.

पाकिस्तान में एक बार फिर अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की घटनाएं सामने आई हैं. बुधवार को पंजाब प्रांत में इस्लाम की पवित्र पुस्तक के अपमान की आशंका में गुस्साई भीड़ ने करीब आठ चर्चों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी है. आसपास के घरों को भी आग के हवाले कर दिया है. इस घटना से इलाके में तनाव फैल गया है. पाकिस्तान सरकार ने अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात किया है. इस मामले में अमेरिका ने चिंता जताई है और पाकिस्तान सरकार से जांच करने की अपील की है.

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अमेरिका के प्रिंसिपल डिप्टी स्पोकपर्सन वेदांत पटेल ने कहा, हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि पाकिस्तान में कुरान के अपमान के आरोप में चर्चों और घरों को निशाना बनाया गया. हम अभिव्यक्ति की शांतिपूर्ण स्वतंत्रता और सभी के लिए धर्म और विश्वास की स्वतंत्रता के अधिकार का समर्थन करते हैं. जैसा कि हमने पहले कहा है कि हम हमेशा धार्मिक रूप से प्रेरित हिंसा की घटनाओं को लेकर चिंतित रहते हैं. हिंसा या हिंसा की धमकी कभी भी अभिव्यक्ति का स्वीकार्य रूप नहीं है. हम पाकिस्तानी अधिकारियों से इन आरोपों की पूरी जांच करने का आग्रह करते हैं और इसमें शामिल सभी लोगों के लिए शांति का आह्वान करते हैं.

'ईसाई समाज के भाई-बहन पर लगाया ईशनिंदा का आरोप'

पाकिस्तान की पुलिस ने बताया कि ये घटनाएं लाहौर से लगभग 130 किलोमीटर दूर फैसलाबाद जिले की जरनवाला तहसील में हुईं. आरोप है कि वहां एक ईसाई व्यक्ति और उसकी बहन ने कथित तौर पर कुरान का अपमान किया और आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं, जिसके बाद इलाके में नाराजगी बढ़ गई और भीड़ ने हमला बोल दिया. स्थिति को नियंत्रित करने और चमरा मंडी, जरनवाला में रहने वाले ईसाइयों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान रेंजर्स को बुलाया गया. इलाके में स्थिति फिलहाल काफी तनावपूर्ण है. कथित तौर पर भीड़ ने ईसाई समुदाय को घेर लिया है. मामले में अब तक 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 

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'कुल 8 चर्चों में तोड़फोड़ और आगजनी...'

पाकिस्तानी न्यूज आउटलेट Dawn.com के मुताबिक, जरानवाला के पादरी इमरान भट्टी ने बताया कि भीड़ ने जरानवाला में पांच चर्चों को आग लगा दी. इनमें साल्वेशन आर्मी चर्च, यूनाइटेड प्रेस्बिटेरियन चर्च, एलाइड फाउंडेशन चर्च और जारनवाला के ईसा नगरी इलाके में स्थित शेहरूनवाला के दो चर्च शामिल हैं. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पाकिस्तान में कुल 8 चर्चों में तोड़फोड़ की गई और आगजनी हुई है.

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'भीड़ ने चर्चों में बाइबिल की कॉपी में आग लगाई'

भट्टी ने बताया कि ईशनिंदा के आरोपी ईसाई सफाईकर्मी का घर भी ध्वस्त कर दिया गया. एक ईसाई कब्रिस्तान में भी तोड़फोड़ की गई. इलाके के एक ईसाई निवासी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि गुस्साई भीड़ ने चर्चों में तोड़फोड़ की और फर्नीचर, बाइबिल की प्रतियां, क्रॉस आदि में आग लगा दी, जिसके बाद पुलिस की भारी टुकड़ी मौके पर पहुंची.

'जान बचाकर भागे ईसाई समुदाय के लोग'

उन्होंने बताया कि बवाल से पहले मस्जिदों में एक घोषणा की गई थी. कहा गया था कि एक ईसाई व्यक्ति ने कुरान का अपमान किया है, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने चर्चों पर हमला कर दिया. भीड़ को चमरा मंडी में ईसाई समुदाय की ओर बढ़ते देखकर लोग दहशत में आ गए. ईसाई अपनी जान बचाने के लिए भागे. कुछ लोग इलाका छोड़कर भागने में सफल रहे, जबकि अन्य ने खुद को अपने घरों में बंद कर लिया. सोशल मीडिया पर तस्वीरें सामने आईं हैं, जिनमें लोग फर्नीचर में आग लगाते दिख रहे हैं और चर्च की इमारतों से धुआं उठ रहा है.

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पाकिस्तान में चर्च पर हमले, गुस्साई भीड़ ने लगाई आग, देखती रही पुलिस

'इलाके में पाकिस्तान रेंजर्स को किया तैनात'
सहायक आयुक्त फैसलाबाद ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए क्षेत्र में पाकिस्तान रेंजर्स की टीमों को तैनात किया है. जरनवाला सिटी पुलिस स्टेशन के अधिकारी आसिफ अली ने बताया कि मुहम्मद अफजल और चमरा मंडी के चार अन्य मुसलमानों ने राजा अमीर मसीह और उनकी बहन राकी मसीह पर कुरान का अपमान करने और पैगंबर के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है.

'चर्चों में तोड़फोड़ के मामले में अब तक FIR नहीं'

उन्होंने कहा, पुलिस ने भाई और बहन दोनों के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295-सी और 295-बी के तहत मामला दर्ज कर लिया है. उनकी गिरफ्तारी के लिए एक पुलिस टीम गठित की गई है. मसीह परिवार पहले ही भाग चुका है. अली ने कहा, चर्चों में तोड़फोड़ के लिए अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.

'फैसलाबाद की घटनाओं से आहत हूं...'

केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवर उल हक काकर ने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वालों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मैं जरनवाला, फैसलाबाद की घटनाओं से आहत हूं. पाकिस्तान समान आधार पर हमारे नागरिकों के साथ खड़ा है.

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'पैगंबर का अपमान करने पर कानून में मौत की सजा?'

बताते चलें कि पाकिस्तान में धारा 295सी के तहत पैगंबर के बारे में अपमानजनित बात करने पर संदिग्धों को मौत की सजा या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. जबकि धारा 295 बी के तहत जो कोई भी कुरान की प्रति या उसके उद्धरण का अपमान करता है या इसका उपयोग किसी अपमानजनक तरीके से या किसी गैरकानूनी उद्देश्य के लिए करता है, उसे आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी.

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'प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रही है पुलिस'

पंजाब के मुख्य सचिव के प्रवक्ता इम्तियाजुल हसन ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है. इससे पहले पंजाब पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर ने कहा कि पुलिस प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत कर रही है. इलाके की घेराबंदी कर दी गई है. अनवर ने कहा, (क्षेत्र में) संकरी गलियां हैं, जिनमें दो से तीन मंजिला के छोटे चर्च स्थित हैं. एक मुख्य चर्च है. उपद्रवियों ने चर्च के कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ की है. शांति समितियों के साथ मिलकर स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास जारी हैं. पूरे प्रांत में पुलिस को सक्रिय कर दिया गया है.

'कुरान के अपमान का झूठा आरोप लगाया गया'

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अनवर ने कहा, इलाके के सहायक आयुक्त ईसाई समुदाय के सदस्य हैं. भीड़ की नाराजगी को देखते हुए उन्हें वहां से हटा दिया गया है. हालांकि, ईसाई नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस मूकदर्शक बनी रही. चर्च ऑफ पाकिस्तान के अध्यक्ष बिशप आजाद मार्शल ने कहा कि बाइबिल का अपमान किया गया है. ईसाइयों पर पवित्र कुरान का अपमान करने का झूठा आरोप लगाया गया है. उन्हें प्रताड़ित किया गया है. उन्होंने एक बयान में कहा, हम कानून प्रवर्तन और न्याय देने वालों से न्याय और कार्रवाई की मांग करते हैं. सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए तुरंत हस्तक्षेप करते हैं. आश्वस्त करते हैं कि हमारी अपनी मातृभूमि में हमारा जीवन मूल्यवान है, जिसने अभी-अभी स्वतंत्रता और आजादी का जश्न मनाया है. बिशप मार्शल ने कहा कि सभी पुजारी, बिशप और आम लोगों को इस घटना से गहरा दुख पहुंचा है और व्यथित हैं.

'धार्मिक नेताओं ने शांति की अपील की'

पाकिस्तान उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष हाफिज ताहिर अशरफी ने कहा कि धार्मिक नेताओं ने स्थिति को संभालने करने के लिए जारनवाला का दौरा किया है. पीयूसी और इंटरनेशनल इंटरफेथ हार्मनी काउंसिल (आईआईएचसी) की तरफ से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि धार्मिक नेता स्थिति को संभालने और शांति के लिए समुदाय के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं.

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'पूजा स्थलों के बाहर हाई अलर्ट'

इस बीच, कराची के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक जावेद आलम ओधो ने अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने और मंदिरों, चर्चों, मस्जिदों और अन्य सभी पूजा स्थलों के बाहर खुफिया जानकारी बढ़ाने का निर्देश दिया है. वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने घटना की कड़ी निंदा की है.

'पाकिस्तान में पागलपन की इजाजत नहीं...'

उन्होंने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. इस तरह के पागलपन की इजाजत नहीं दी जा सकती. पाकिस्तान सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों का देश है. पूर्व गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने हमले की निंदा की और जोर दिया कि दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.

'पवित्रता का उल्लंघन स्वीकार्य नहीं'

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा कि वह हमले के बारे में सुनकर भयभीत हैं. उन्होंने कहा कि पूजा स्थलों की पवित्रता का उल्लंघन करना बिल्कुल अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा, प्रशासन को ईसाई समुदाय और उनके चर्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.

'सभी पहलुओं की जांच की जाए'

जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने अल्पसंख्यकों पर हमले पर खेद जताया और घटना के लिए प्रशासन, राज्य मशीनरी और पुलिस को जिम्मेदार ठहराया. पंजाब सरकार से सभी पहलुओं से घटनाओं की जांच करने के लिए कहा है.

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पाकिस्तान में सबसे ज्यादा अल्पसंख्यक हिंदु समुदाय

पाकिस्तान में ईसाइयों और हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों पर अक्सर ईशनिंदा के आरोप लगाए गए हैं और कुछ पर ईशनिंदा के तहत मुकदमा चलाया गया और उन्हें सजा भी दी गई. पिछले साल जून में सेंटर फॉर पीस एंड जस्टिस पाकिस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय डेटाबेस और पंजीकरण प्राधिकरण से एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के 22,10,566 लोग रहते हैं. उसके बाद 18,73,348 ईसाई रहते हैं.

 

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