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भारत के कड़े रुख से डरा पाकिस्तान, बहावलपुर में जैश के मुख्यालय को कब्जे में लिया

पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत के कड़े रुख से डरे पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय बहावलपुर को अपने कब्जे में ले लिया है.

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बहावलपुर में जैश का मुख्यालय (फाइल फोटो)
बहावलपुर में जैश का मुख्यालय (फाइल फोटो)

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पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत के कड़े रुख से डरे पाकिस्तान ने एक और पैंतरा अपनाया है. जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय बहावलपुर को पाकिस्तान सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है. पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय के मुताबिक, पंजाब सरकार ने बहावलपुर में मदरसातुल साबिर और जामा-ए-मस्जिद सुभानल्ला में एक परिसर को अपने नियंत्रण में ले लिया है. इसके अलावा सरकार ने कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय और इसके मामलों के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया गया है.

पाकिस्तान सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह कार्रवाई प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के निर्णय के अनुसार की गई. इस परिसर में 70 शिक्षकों का एक संकाय है और वर्तमान में 600 छात्र इसमें पढ़ रहे थे. उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस परिसर को सुरक्षा और संरक्षण प्रदान कर रही है.

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FATF के आदेश के बाद हुई कार्रवाई?

दरअसल, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान से मई तक अपने यहां से आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था. इसमें जैश-ए-मोहम्मद के अलावा लश्कर-ए-तैयबा, अलकायदा और तालिबान शामिल है. FATF ने कहा था कि इन सभी आतंकी संगठनों के ठिकानों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए. इसके बाद से ही पाकिस्तान सरकार लगातार आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. पहले जमात-उद-दावा और FIF के खिलाफ कार्रवाई की गई और शुक्रवार को जैश के मुख्यालय को कब्जे में ले लिया गया है. बता दें, पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल है और ब्लैक लिस्टेड होने का खतरा उस पर मंडरा रहा है.

अब आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा पाकिस्तान

आजतक के सूत्रों के मुताबिक, अब पाकिस्तान सरकार जैश के आतंकियों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा. हालांकि, इमरान सरकार ने इसका औपचारिक ऐलान नहीं किया है. खैर पाकिस्तान सरकार की इस कार्रवाई के पीछे दिखावा है या नहीं. यह थोड़े समय बाद साफ हो जाएगा. लेकिन माना जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण जैश के ऊपर यह कार्रवाई की गई है. इससे पहले पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा पर पांच बार प्रतिबंध लगा चुका है.

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