पाकिस्तान में पिछले करीब एक दशक में लू के सबसे भीषण प्रकोप से देश के सबसे बड़े शहर कराची में 500 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने हालात से निपटने के लिए सेना को बुलाया है. समूचे सिंध प्रांत में गत शुक्रवार को रमजान शुरू होने के साथ ही लू का प्रकोप शुरू हो गया. लू के मरीजों की बड़ी संख्या के कारण प्रांत के प्रमुख अस्पतालों में आपात स्थिति है.
एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी के हवाले से आई खबरों में कहा गया कि लू से सबसे बुरी तरह प्रभावित कराची में मृतकों की संख्या सर्वाधिक 500 हो गई है. बढ़ते पारे की वजह से दक्षिणी सिंध के दूसरे हिस्सों में आठ से 10 और लोग मारे गए हैं.
तीन बड़े सरकारी अस्पतालों ने कल तक कुल 341 लोगों की मौत होने की पुष्टि की है. अस्पतालों ने लू, निम्न रक्तचाप और थकान को लोगों की मौत का कारण बताया है.
जिन्ना अस्पताल की चिकित्साधीक्षक डॉक्टर सीमी जमाली ने बताया, 'कल शाम तक लू से मरने वालों की संख्या करीब 200 थी.' जमाली ने कहा कि पिछले चार दिनों में अस्पताल ने लू के कारण बीमार पड़े लगभग 3,000 लोगों का इलाज किया है.
अब्बासी शहीद अस्पताल के एक चिकित्सक सईद कुरैशी ने कहा कि कल तक लू के कारण 71 लोग मारे गए थे. वहीं, सिविल अस्पताल के एक चिकित्सक सईद कुरैशी ने 70 लोगों के मरने की पुष्टि की है.
सिंध की प्रांतीय सरकार ने राज्य के सभी अस्पतालों में आपातकाल लगा दिया है. चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की सभी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और चिकित्सा सामग्री का भंडारण बढ़ा दिया गया है.
पाकिस्तानी सेना और अद्धसैनिक बल पाकिस्तान रेंजर्स ने भी लू से प्रभावित लोगों के इलाज के लिए विशेष केंद्र स्थापित किए हैं और साथ ही सरकारी अस्पतालों में संबद्ध दवाओं की आपूर्ति की है.
इनपुट: भाषा