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FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने को PAK बेताब, 88 संगठनों पर लगाया बैन

पाकिस्तान सरकार ने 18 अगस्त को 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा (JuD) के प्रमुख हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले लोगों के खिलाफ कठोर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करते हुए 2 सूचनाएं जारी की है.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल)
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जून 2018 से ही FATF की ग्रे लिस्ट में है पाकिस्तान
  • आतंकी संगठनों और सरगानाओं पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए
  • जमात-उद-दावा, JeM, तालिबान समेत कई संगठनों पर बैन

पाकिस्तान ने एफएटीएफ की ग्रे सूची से बाहर निकलने की खातिर आखिरकार 88 प्रतिबंधित आतंकी समूहों और हाफिज सईद, मसूद अजहर तथा दाऊद इब्राहिम जैसे समूहों के आकाओं पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगा दिए हैं. साथ ही उनकी सभी संपत्तियों को जब्त करने और बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया है.

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मीडिया रिपोर्ट ने शनिवार को दावा किया कि पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाल दिया और इस्लामाबाद को 2019 के अंत तक आतंकियों पर लगाम कसने के लिए कार्ययोजना लागू करने के लिए कहा था, लेकिन बाद में कोरोना महामारी के कारण इसकी समयसीमा बढ़ा दी गई.

कठोर प्रतिबंध को लेकर सूचना जारी
अब पाकिस्तान सरकार ने 18 अगस्त को 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा (JuD) के प्रमुख हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले लोगों के खिलाफ कठोर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करते हुए 2 सूचनाएं जारी की हैं.

दाऊद इब्राहिम का अंडरवर्ल्ड की दुनिया में अवैध व्यापार का बड़ा धंधा है और 1993 के मुंबई में हुए बम धमाकों के बाद वह भारत का सबसे वांछित आतंकवादी है.

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पाकिस्तानी अंग्रेजी दैनिक अखबार द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सरकार ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा जारी नई सूची के अनुपालन में आतंकी संगठनों के 88 आकाओं और सदस्यों को प्रतिबंधित किया है.

विदेश यात्रा पर भी रोक
रिपोर्ट के मुताबिक जमात-उद-दावा (JuD), JeM, तालिबान, दहेश, हक्कानी ग्रुप, अल-कायदा और कई अन्य आतंकवादी संगठनों पर कड़े प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई है. पाक सरकार ने इन संगठनों और व्यक्तियों के सभी चल और अचल संपत्तियों को जब्त करने और उनके बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया है.

इसके साथ ही आदेश में इन आतंकवादियों को वित्तीय संस्थानों के माध्यम से धन हस्तांतरित करने, हथियारों की खरीद और विदेश यात्रा पर भी रोक लगा दी गई है.

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जारी अधिसूचना के अनुसार, पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा क्षेत्रों में सक्रिय तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से जुड़े सभी आकाओं और सदस्यों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है.

चीन के खिलाफ काम करने वाले संगठन पर भी बैन
रिपोर्ट में कहा गया कि सईद, अजहर, मुल्ला फजलुल्लाह (उर्फ मुल्ला रेडियो), जकीउर रहमान लखवी, मुहम्मद याहया मुजाहिद, अब्दुल हकीम मुराद की तलाश इंटरपोल को थी. जबकि नूर वली महसूद, उजबेकिस्तान लिबरेशन मूवमेंट के फजल रहम शाह, तालिबानी नेता जलालुद्दीन हक्कानी, खलील अहमद हक्कानी, याह्या हक्कानी और इब्राहिम और उसके सहयोगी भी इस सूची में थे.

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नोटिफिकेशन में कहा गया है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), और लश्कर-ए-तैयबा, जेईएम, लश्कर-ए-झांगवी, टीटीपी के तारिक गेदर ग्रुप, हरकत-उल- मुजाहिदीन, अल रशीद ट्रस्ट, अल अख्तर ट्रस्ट, तंजीम जैश-अल मुजाहिदीन अंसार सहित कई अन्य आंतकी संगठनों के सरगानाओं पर प्रतिबंध लगाया गया है. साथ ही जमात-उल अहरार, तंजीम खुतबा इमाम बुखारी, रबीता ट्रस्ट लाहौर, रिवाइवल ऑफ इस्लामिक हेरिटेज सोसाइटी ऑफ पाकिस्तान, अल-हरमैन फाउंडेशन इस्लामाबाद, हरकत जिहाद अल इस्लामी, इस्लामी जिहाद ग्रुप, उज्बेकिस्तान इस्लामी तहरीक, दाअेस ऑप इराक, रूस के खिलाफ काम करने वाले अमीरात ऑफ तंजिम काफाज और चीन के उइगर्स ऑफ इस्लामिक फ़्रीडम मूवमेंट ऑफ चाइन के अब्दुल हक पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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