पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) द्वारा फ्रेश चुनाव की मांग को लेकर बुधवार को एक बड़े विरोध प्रदर्शन 'आजादी मार्च' के आह्वान करने के बाद देश में तनाव बढ़ गया. लाहौर, कराची और देश के अन्य हिस्सों में पीटीआई नेताओं और समर्थकों पर पुलिस की कार्रवाई के वीडियो और तस्वीरें सामने आईं हैं.
बीती 24 मई को पीटीआई के नेताओं और समर्थकों पर कार्रवाई के दौरान एक पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या के बाद मौजूदा सरकार ने इमरान खान के विरोध मार्च पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन, पीटीआई कार्यकर्ताओं और नेताओं ने प्रतिबंध की अवहेलना की और इस्लामाबाद की ओर प्रदर्शन के लिए आगे बढ़े.
जानकारी के मुताबिक हम्माद अजहर, यास्मीन राशिद और फैयाजुल हसन चौहान सहित पार्टी के नेता आंदोलन में शामिल होने के लिए बुधवार को इस्लामाबाद के लिए रवाना हुए. डॉन न्यूज के मुताबिक पुलिस ने लाहौर में हम्माद अजहर को गिरफ्तार करने का प्रयास किया. सामने आई कुछ फुटेज में अजहर के समर्थकों और पुलिस के बीच गिरफ्तारी के दौरान हाथापाई होती भी दिखाई दे रही थी.
दागे गये आंसू गैस के गोले
वहीं दोपहर तक पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े. इसके अलावा बताया जा रहा है कि झड़प के बाद कुल 10 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था.
पीटीआई के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के मुताबिक, मार्च करने वालों को शाहदरा इलाके में भी रोका गया. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच लाहौर के अन्य क्षेत्रों जैसे इस्लामपुरा, करीम पार्क, मोहनी रोड और बादामी बाग में भी झड़पों की सूचना मिली.
फ्रेश इलेक्शन की मांग तेज
इमरान के नेता यास्मीन राशिद ने एक बयान में कहा कि इस्लामाबाद जाते समय पुलिस ने उनके वाहन का शीशा तोड़ दिया. बाद में, पीटीआई ने राशिद के साथ क्षतिग्रस्त वाहन का एक वीडियो भी ट्वीट किया. इस बीच, कराची में इमरान खान के समर्थक तत्काल, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की मांग को लेकर नुमाइश चौरांगी के पास जमा होने की खबर है.
हाल ही में पाकिस्तान की सरकार से बाहर हुए इमरान खान देश भर में रैलियों का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने अपनी सरकार के गिरने पर विदेशी ताकतों का शामिल होना बताया था. ऐसे में उन्होंने सरकार को चेतावनी भी दी थी कि नए चुनाव कराने के लिए संसद भंग होने तक वह राजधानी नहीं छोड़ेंगे.
ऐसे में प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने इमरान खान के समर्थकों को शहर में घुसने से रोकने के पूरे बंदोबस्त किये हुए हैं. जिसके बड़ा सभी की निगाहें अब इमरान खान और उनके हजारों समर्थकों पर हैं.