पाकिस्तान की राजनीति में आज वो सब कुछ देखने को मिल गया जिसकी कल्पना किसी राजनीतिक पंडित ने नहीं की थी. प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी सरकार को गिरने से बचा लिया. संयुक्त विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव खारिज करवा दिया गया और राष्ट्रपति के जरिए संसद नेशनल असेंबली भंग हो गई. इसके बाद इमरान खान को पाकिस्तान कैबिनेट सचिवालय ने तत्काल प्रभाव से प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया.
अब इतना सबकुछ हुआ, पाकिस्तान में कुछ ही घंटों के अंदर जमीन पर तमाम सियासी समीकरण बदल गए, लेकिन चीन ने इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं बोला. पाकिस्तान का सबसे बड़ा हितैषी बनने का दावा करने वाला चीन इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ बोलने से बच रहा है. चीन के विदेश मंत्रालय ने इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम को पाकिस्तान का अंदरूनी मामला बताया है और इसमें हस्तक्षेप ना करने की बात कर रहा है.
जारी बयान में कहा गया है कि चीन ने हमेशा से दूसरों के मुद्दों में हस्तक्षेप ना करने वाली योजना पर काम किया है. पाकिस्तान का अच्छा पड़ोसी होने के नाते सिर्फ इतना ही चाहते हैं कि वहां सभी पार्टियां एकजुट होकर स्थिरता लाने का प्रयास करें और विकास करने पर जोर दें.
वैसे चीनी सरकार की तरफ से जरूर ज्यादा खुलकर कुछ नहीं बोला जा रहा है, लेकिन वहां की मीडिया इस समय इमरान खान के बयान पर खासा जोर दे रही है. जिस विदेशी साजिश की बात इमरान खान अपने संबोधन में लगातार कर रहे हैं, चीनी मीडिया भी अपनी खबरों में उसका प्रमुखता से उल्लेख कर रही है.
पाकिस्तान की वर्तमान परिस्थिति की बात करें तो वहां पर विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. जिस अंदाज में उनके अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है, वे उसे गैर लोकतांत्रिक मान रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट कल इस मामले में फिर सुनवाई करने जा रहा है.कहा जा रहा है कि 90 दिनों के अंदर पाकिस्तान में फिर चुनाव करवाए जा सकते हैं.