भारत संग व्यापार करने के फैसले को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने ही मुल्क में घिरते नजर आ रहे हैं. उन पर इस फैसले को लेकर पाकिस्तान में आलोचना हो रही है. साल 2019 के अगस्त के महीने में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान ने भारत संग ट्रेड बंद कर दिया था.
पाकिस्तान की कैबिनेट इकॉनोमिक कॉर्डिनेशन कमेटी ने बुधवार को अपनी एक रिपोर्ट पेश की. इस रिपोर्ट में भारत के साथ कपास और चीनी का ट्रेड शुरू करने की अपील की गई थी. कमेटी की इस रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद पाकिस्तान आधिकारिक रूप से भारत से व्यापार शुरू करने की तैयारी में है.
पाकिस्तान के नए वित्त मंत्री हममाद अजहर ने कहा कि इकॉनोमिक कॉर्डिनेशन कमेटी ने भारत से 0.5 मिलियन चीनी और कपास आयात करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि भारत में चीनी का दाम काफी सस्ता है इसलिए हमने भारत से इसे आयात करने का फैसला लिया है.
पाकिस्तान के कई विपक्षी नेता, पत्रकारों ने इमरान सरकार के इस फैसले की आलोचना की है और इसे कश्मीर मसले से समझौता करना बताया है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएलएम-एन) ने सवाल किया है कि क्या भारत ने कश्मीर को लेकर अपना रुख बदल दिया है क्या? अगर ऐसा नहीं है तो इमरान खान ने यू टर्न क्यों ले लिया.?
नवाज शरीफ की पार्टी के नेता एहसान इकबाल ने कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि भारत से कपास और चीनी आयात करने का फैसला कैसे इतनी जल्दी में लिया गया? क्या भारत ने कश्मीर मसले को लेकर अपना रुख बदल दिया है? क्या भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को वापस लेने की दिशा में कोई कदम बढ़ाए हैं? इससे पता चलता है कि इमरान सरकार का देश के हितों की चिंता नहीं है. पाकिस्तान ने आज प्रशासनिक विफलता की कीमत चुकाई है.
इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहम खान ने भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ऐसा कौन सा क्लाइमेट चेंज हुआ कि भारत में कपास की पैदावार अच्छी हुई और पाकिस्तान की पैदावार कम हो गई?
19 माह से ठप था व्यापार
साल 2019 में अगस्त में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से पाकिस्तान और भारत के बीच व्यापार ठप था. पाकिस्तान ने भारत के साथ ट्रेड बंद कर दिया था. उधर, भारत ने भी पुलवामा हमले के बाद से पाकिस्तान से आने वाली सभी वस्तुओं पर 200 प्रतिशत ड्यूटी लगा दी थी. जिसके चलते दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग बंद हो गया था. पाकिस्तान चीनी और कपास के आयात के पक्ष में इसलिए आया है क्योंकि पाकिस्तान को इन दोनों के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी.