पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान हमले के बाद फिर लॉन्ग मार्च शुरू करने की योजना बना रहे हैं. इसके लिए उन्होंने अपने समर्थकों से 26 नवंबर को रावलपिंडी पहुंचने की अपील की है. इमरान यहीं अपने लॉन्ग मार्च को लेकर आगे की रणनीति की घोषणा करेंगे.
इमरान खान ने अपने आवास से अपने कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि इस नाजुक मोड़ पर देश तटस्थ नहीं रह सकता. उन्होंने कहा कि 26 नवंबर को रावलपिंडी पहुंचें, जहां मैं आपसे मिलूंगा और अगले कदम की जानकारी दूंगा. उन्होंने कहा कि अगर देश आज तटस्थ रहता है तो आने वाली पीढ़ियां इस बात पर पछताएंगी कि उनके बुजुर्ग घरों में बैठे रहे और अन्याय के खिलाफ खड़े नहीं हुए. तारीख की घोषणा करने से पहले डॉक्टरों की एक टीम ने लाहौर से करीब 280 किलोमीटर दूर उनके आवास पर उनकी जांच की.
बीते 3 नवंबर को हुआ था इमरान पर हमला
बीते 3 नवंबर को वजीराबाद में लॉन्ग मार्च के दौरान इमरान खान के ऊपर हमला किया था. वह इस हमले में बाल-बाल बचे. 70 वर्षीय इमरान खान पर हमला तब हुआ, जब वह गुजरांवाला में लॉन्ग मार्च का नेतृत्व कर रहे थे. यहां एक शख्स ने इमरान के ऊपर फायरिंग कर दी थी, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी और पूर्व पीएम के पैर में गोली लगी थी. पीटीआई की ओर से आरोप लगाया था कि इस हमले के पीछे शहबाज शरीफ समेत कई शीर्ष नेताओं का हाथ है.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के मुताबिक, इमरान खान के घाव तेजी से भर रहे हैं और वह अगले सप्ताह के अंत में विरोध अभियान में हिस्सा ले सकेंगे. खान ने कहा कि उनका जीवन अभी भी खतरे में है, लेकिन वो गुलामी की बजाय मरना पसंद करेंगे क्योंकि यह उनके दिमाग में बचपन से है.
सेना पर भी साधा निशाना
पाकिस्तान की सेना पर निशाना साधते हुए पीटीआई अध्यक्ष ने कहा कि देश में चोरों (शरीफ और जरदारी) को थोपकर आपने पिछले सात महीने में क्या हासिल किया है. उन्होंने कहा कि एजेंसियों के पास शरीफ और जरदारी के भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड है, लेकिनफिर उन्होंने मेरी सरकार के खिलाफ विदेशी साजिश को सफल होने दिया और चोरों को हम पर थोपा.
इमरान ने बिलावल पर बोला हमला
इमरान ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो पर भी कटाक्ष किया. बिलावल का राजनीति में कोई भविष्य नहीं है. वह अभी भी ठीक से उर्दू नहीं बोल पाता है. वह अपना अधिकांश जीवन वहीं बिताएंगे जहां उनके पिता (आसिफ जरदारी) ने लूट का पैसा जमा किया है.
बीते 28 अक्टूबर से शुरू हुआ था लॉन्ग मार्च
इमरान खान का लॉन्ग मार्च बीते 28 अक्टूबर को लाहौर से शुरू हुआ और इस्लामाबाद की ओर से बढ़ रहा है. इमरान को अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद सत्ता से बेदखल कर दिया गया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि रूस, चीन और अफगानिस्तान पर उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के फैसलों की वजह से उन्हें निशाना बनाने वाली अमेरिकी नेतृत्व वाली साजिश का हिस्सा था. हालांकि अमेरिका ने इन आरोपों को नकार दिया था. इमरान इस विरोध मार्च के जरिए नए सिरे से आम चुनाव की मांग कर रहे हैं. वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार अब चुनाव कराने का विरोध कर रही है. वर्तमान नेशनल असेम्बली का कार्यकाल अगस्त 2023 में खत्म होगा.