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Imran Khan की जान खतरे में! बुलेटप्रूफ शील्ड इस्तेमाल करने की मिली सलाह

Pakistan Political Crisis: बुधवार का दिन पाकिस्तान की सियासत के लिए रस्साकसी भरा रहा. दिनभर चर्चा रही कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान देश को संबोधित करेंगे, लेकिन शाम होते ही खबर आ गई कि उनका संबोधन टाल दिया गया है. 30 मार्च की शाम पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने इमरान खान से मुलाकात की. इसके बाद ही उनके संबोधन टालने की बात सामने आई.

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इमरान खान (File Photo)
इमरान खान (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इमरान ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने का फैसला लिया
  • जम्हूरी वतन पार्टी के बाद अब MQM ने छोड़ा इमरान का साथ
  • बिलावल भुट्टो जरदारी ने MQM के साथ समझौते की दी जानकारी

Pakistan Political Crisis: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की जान खतरे में है. उन्हें बुलेट प्रूफ शील्ड इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है. यह दावा उनकी पार्टी PTI के वरिष्ठ नेता फैसल वावड़ा ने 30 मार्च की देर रात किया. वावड़ा ने कहा कि इमरान की हत्या की साजिश रची गई है. उन्हें सार्वजनिक समारोह पर संबोधित करते समय सतर्क रहने को कहा गया है.

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फैसल वावड़ा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान बहादुर हैं. वे देश को दांव पर नहीं लगाएंगे और ना ही किसी के आगे झुकने देंगे. उन्होंने कहा कि देश की विदेश नीति को लेकर पीएम इमरान खान का रुख स्पष्ट है. अब पाकिस्तान किसी के युद्ध का हिस्सा नहीं बनेगा. फैसल ने कहा कि देश के एयरबेस पड़ोसी देशों पर हमला करने के लिए किसी को नहीं दिए जाएंगे.

इससे पहले इमरान खान ने राष्ट्र को संबोधित करने की योजना टाल दी. बुधवार की शाम पाकिस्तान के आर्मी चीफ से हुई मुलाकात के बाद उन्होंने यह फैसला लिया. इमरान के ऐलान से पहले दिन-भर ये सुगबुगाहट चलती रही कि वे पाकिस्तान के लोगों को संबोधित करेंगे. पहले उनके संबोधन का समय 5 बजे तय किया गया. इसके बाद बताया गया कि वे शाम 7.30 से 8.30 के बीच राष्ट्र को संबोधित करेंगे, लेकिन 6.30 बजते ही सूचना आ गई कि उनका बुधवार को होने वाला संबोधन टाल दिया गया है. इस बीच पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में स्थित सिंध हाउस में विपक्ष के नेताओं ने अहम बैठक की. इस बैठक में इमरान खान की पार्टी PTI के 22 सदस्य भी मौजूद रहे.

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उम्मीद जताई जा रही थी कि इमरान बुधवार को संबोधन में इमरजेंसी जैसा कोई चकित करने वाला कदम उठा सकते हैं. लेकिन शाम होते-होते पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) अचानक इमरान खान के घर मिलने पहुंच गए. उनके साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के डीजी भी थे. आर्मी चीफ से मुलाकात के पहले इमरान ने एक और अहम फैसला लिया. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने का निर्णय किया. बुधवार शाम उन्होंने स्पेशल कैबिनेट की बैठक को भी संबोधित किया. पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी ने इमरान की आर्मी चीफ के साथ हुई बैठक पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि पीएम इमरान खान सेना का सम्मान करते हैं. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर कहा कि इस पर आगे देखा जाएगा. 

इमरान ने पत्रकारों को सार्वजनिक की चिट्ठी

इमरान ने बुधवार को एक बड़ा कदम और उठाया. उन्होंने हाल ही में इस्लामाबाद में दिए गए भाषण में जिस चिट्ठी का जिक्र किया था, वह उन्होंने पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकारों के साथ शेयर की. अपनी रैली में उन्होंने दावा किया था कि पाकिस्तान को अस्थिर करने के लिए विदेशों से फंडिंग की जा रही है.

इमरान के जारी किए गए पत्र के मुताबिक, अगर पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विफल होता है तो पाकिस्तान के लिए मुश्किलें और बढ़ेंगी. चिट्ठी में लिखा है कि 'हम खुश नहीं हैं, सब कुछ ठीक होगा, जब अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाएगा'. इमरान ने चिट्ठी पर प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि पत्र में उनकी रूस यात्रा पर भी चिंता जताई गई है. हालांकि, इमरान ने यह नहीं बताया कि उन्हें पत्र कहां से मिला और इसे किसने लिखा है. इमरान ने कहा कि ये चिट्ठी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी संसद में पेश करेंगे.

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फवाद चौधरी ने लगाया इस्तीफे की अटकलों पर विराम

बुधवार को पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी का भी बयान सामने आया. उन्होंने कहा कि इमरान इस्तीफा नहीं देने वाले. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पीएम इमरान 'आखिरी गेंद तक लड़ेंगे'. इमरान खान के राष्ट्र को संबोधन करने का ऐलान ऐसे वक्त किया था, जब फ्लोर टेस्ट से पहले उन्हें बड़ा झटका लगा. बुधवार को ही MQM के 2 मंत्रियों ने इमरान की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. MQM इमरान खान की सरकार में सहयोगी पार्टी थी, लेकिन ऐन वक्त पर उसने विपक्षी पार्टियों से समझौता कर लिया. बुधवार को ही विपक्ष ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर पाकिस्तान के पीएम पर निशाना साधा.

बुधवार सुबह पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्वीट कर बताया कि संयुक्त विपक्ष और MQM के बीच एक समझौता हुआ है. राबता कमेटी MQM और PPP सीईसी समझौते की पुष्टि करेगी. इसके बाद कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को और जानकारी दी जाएगी. 

इमरान खान के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. इस पर 31 मार्च से चर्चा होनी है. लेकिन इससे पहले MQM और पीपीपी के समझौते के बाद इमरान खान सरकार ने बहुमत खो दिया है. 

पाकिस्तानी असेंबली का पूरा गणित

पाकिस्तान असेंबली में 342 सदस्य हैं. बहुमत के लिए 172 सदस्य होने जरूरी हैं. MQM के इमरान खान का साथ छोड़ने के बाद विपक्ष के पास 177 सदस्यों का समर्थन हो जाएगा. जबकि इमरान खान के पास 164 सदस्यों का समर्थन रह जाएगा. विपक्ष को इमरान खान की सरकार गिराने के लिए सिर्फ 172 सदस्यों की जरुरत है. जो अब संभव होता नजर आ रहा है. 

उधर, इमरान खान ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग विदेशी फंड की मदद से पाकिस्तान में उनकी सरकार गिराने की कोशिश कर रहे हैं. इमरान सरकार में मंत्री असद उमर ने दावा किया है कि पीएम इमरान पाकिस्तान के चीफ जस्टिस को यह पत्र दिखाने के लिए तैयार हैं. 

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सहयोगी एक एक कर दे रहे धोखा

इमरान खान की पार्टी के करीब 2 दर्जन सांसद बागी हैं. इसके अलावा सरकार में सहयोगी पार्टियों MQMP, PMLQ और जम्हूरी वतन पार्टियों ने भी एक एक कर साथ छोड़ना शुरू कर दिया है. पहले जम्हूरी वतन पार्टी के नेता शाहजैन बुगती ने इमरान कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. साथ ही उन्होंने इमरान के खिलाफ विपक्ष का समर्थन देने का फैसला किया है. उधर, MQMP ने भी अब विपक्ष के साथ समझौता कर लिया है. 
 

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