गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर भारतीय अधिकारियों ने शंघाई जाने वाले मालवाहक जहाज से कंटेनर जब्त किए थे जिनमें खतरनाक पदार्थ होने की आशंका थी. इसे लेकर अब पाकिस्तान की ओर से भी प्रतिक्रिया आ गई है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि जब्त किए गए कंटेनर खाली थे.
हालांकि, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ये माना है कि इनका उपयोग पहले चीन से कराची में K-2 और K-3 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिए ईंधन के परिवहन के लिए किया जाता था. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कराची के परमाणु ऊर्जा संयंत्र के अधिकारियों ने सूचित किया है कि ये खाली कंटेनर चीन को लौटाए जा रहे थे जिनका उपयोग पहले के -2 और के -3 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के लिए चीन से कराची में ईंधन के परिवहन के लिए किया जाता था.
उन्होंने कहा, ये कंटेनर खाली थे और शिपिंग दस्तावेजों में कार्गो को गैर-खतरनाक घोषित किया गया था. पाकिस्तानी विदेश मंंत्रालय के अधिकारी ने साथ ही ये भी कहा कि कराची में K-2 और K-3 परमाणु ऊर्जा प्लांट और इन प्लांट्स में इस्तेमाल होने वाला ईंधन दोनों अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के सुरक्षा उपायों के तहत हैं. बयान में कहा गया है कि 'संभावित रेडियोएक्टिव सामग्री की जब्ती' के बारे में रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से गलत है.
इधर, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) ने शुक्रवार को कहा कि एक संयुक्त सीमा शुल्क और राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) की टीम ने मुंद्रा पोर्ट पर एक विदेशी पोत से कई कंटेनर जब्त किए जिनमें अघोषित खतरनाक सामग्री होने की आशंका थी. भारत के सबसे बड़े पोर्ट ऑपरेटर ने एक बयान में कहा कि कार्गो को गैर-खतरनाक के रूप में सूचीबद्ध किया गया था, जबकि जब्त किए गए कंटेनरों में हैजर्ड क्लास 7 के निशान थे - जो रेडियोएक्टिव पदार्थ की ओर इशारा करते हैं
(इनपुट- सज्जाद हुसैन)