आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद की गुहार लगा रहा है. लेकिन अभी तक IMF की ओर से पाकिस्तान को कोई वित्तीय मदद नहीं मिली है. आईएमएफ ने पाकिस्तान को साफ शब्दों में सभी निर्देशों को पूरा करने के लिए कहा है. वहीं, पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान अंतरराषट्रीय मुद्रा कोष का सदस्य है, भिखारी नहीं.
दरअसल, लोन को लेकर बातचीत के लिए पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार को शुक्रवार को IMF से मीटिंग के लिए वॉशिंगटन जाना था. लेकिन आखिरी समय में उन्होंने यह दौरा रद्द कर दिया. जिसके बाद चर्चा होने लगी कि IMF के अधिकारियों ने पाकिस्तान के वित्त मंत्री से मिलने से इनकार कर दिया.
पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज मिलने में आ रही है समस्या
इशाक डार ने शनिवार को इसे अफवाह बताते हुए कहा, "मैंने यह दौरा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के अनुरोध पर रद्द किया है. आईएमएफ के अधिकारियों ने मिलने से मना कर दिया, यह पूरी तरह से अफवाह है. पाकिस्तान IMF का सदस्य है, भिखारी नहीं."
उन्होंन जोर देते हुए कहा, "IMF मुझे स्प्रिंग मीटिंग में शामिल होने से नहीं रोक सकता. हमने यह यात्रा IMF के साथ उत्पन्न गतिरोध के कारण रद्द किया है."
ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार वाशिंगटन में आयोजित हो रही विश्व बैंक और आईएमएफ की स्प्रिंग बैठक में शामिल होंगे. यह बैठक 10 से 16 अप्रैल तक होगी. इस दौरान इशाक डार और आईएमएफ के बीच भी मीटिंग का कार्यक्रम था. इस मीटिंग में पाकिस्तान को मिलने वाली बेलआउट पैकेज में आ रही समस्याओं को दूर करने के संबंध में बातचीत होने की संभावना थी.
IMF की कड़ी शर्तें
6.5 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज में से लगभग 1.1 अरब डॉलर की किश्त के लिए पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच जनवरी से ही बातचीत जारी है. लेकिन IMF ने इस बेलआउट पैकेज रिलीज करने के लिए पाकिस्तान के सामने कड़ी शर्तें रखी हैं.
IMF के निर्देशों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक मिनी बजट तैयार की है. इस मिनी बजट के माध्यम से सरकार ने लगभग 200 अरब रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.
सरकार की बदली हुई पॉलिसी के कारण पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है. पाकिस्तान में महंगाई ने पांच दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. साल दर साल की तुलना की जाए तो मार्च में महंगाई दर 35.37 फीसदी पर पहुंच गई है. हालत यह है कि पाकिस्तान में आम नागरिक जरूरत की वस्तुओं को नहीं खरीद पा रहा है. आटे और दाल की कीमत आसमान छू रही है.
कर्ज के गर्त में पाकिस्तान
खराब आर्थिक हालात के कारण पाकिस्तान के ऊपर अरबों का कर्ज है. पाकिस्तानी वेबसाइट डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान पर सबसे ज्यादा कर्ज चीन का है. पाकिस्तान पर चीन का 30 अरब डॉलर का कर्ज बकाया है. चीन का कुल कर्ज IMF के कर्ज के तीन गुना से भी अधिक है. पाकिस्तान के ऊपर कुल कर्ज और देनदारी 60 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये से अधिक की हो गई है. यह देश की कुल जीडीपी का लगभग 89 फीसदी है.
सऊदी अरब ने की मदद
हाल ही में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर का नया कर्ज देने का फैसला किया है. सऊदी क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने कुछ महीने पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से इसका वादा किया था. पाकिस्तान की वित्त राज्य मंत्री आयशा गौस ने संसद में इसकी जानकारी दी है कि सऊदी अरब पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर देने जा रहा है.