अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस साल के शुरुआत में अपना पदभार संभाला था. हालांकि अब तक उन्होंने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से बातचीत नहीं की है. इमरान खान इसी मुद्दे पर मीडिया से बातचीत भी कर चुके हैं. अब एक्सप्रेस ट्रिब्यून का दावा है कि एक प्रभावशाली पाकिस्तानी अमेरिकन शख्स के सहारे जो बाइडेन और इमरान खान के बीच फोनकॉल की कोशिशें की जा रही हैं.
पाकिस्तान अब अनौपचारिक तरीकों से बाइडेन से संवाद स्थापित करने की कोशिशों में जुटा है और इसके लिए एक प्रभावशाली पाकिस्तानी-अमेरिकन को अप्रोच किया गया है. ये शख्स प्रेसीडेंट बाइडेन का दोस्त है और बाइडेन के साथ बेहतर संबंधों के चलते इस शख्स को इमरान-बाइडेन संवाद के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
आमतौर पर ये देखने में आया है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों से बात करते हैं लेकिन बाइडेन ने इस परंपरा से किनारा कर लिया है और उन्होंने अब तक इमरान खान से बात नहीं की है. बाइडेन से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान पाकिस्तान की आलोचना किया करते थे लेकिन उन्होंने भी तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ से बात करने के लिए अपने शपथ ग्रहण समारोह का भी इंतजार नहीं किया था.
बता दें कि इस मामले में व्हाइट हाउस की तरफ से कोई खास स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है कि बाइडेन इमरान खान को कॉल करने से परहेज क्यों कर रहे हैं लेकिन कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि इससे पता चलता है कि पाकिस्तान अब अमेरिका के लिए प्राथमिकता नहीं रह गया है. अमेरिका के एंटी तालिबान विधेयक के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के बीच दूरियां और बढ़ी हैं. हालांकि इस मुद्दे को इमरान खान ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाहते हैं और उन्होंने कुछ समय पहले कहा था कि राष्ट्रपति बाइडेन एक बिजी इंसान हैं और वे उनके कॉल का इंतजार नहीं कर रहे हैं.
ट्रंप के साथ भी पाकिस्तान ने अपनाए थे ऐसे 'हथकंडे'
इससे पहले भी पाकिस्तान ने अमेरिका के राष्ट्रपतियों के साथ संवाद के लिए अनौपचारिक तरीकों का इस्तेमाल किया था. ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान, पाकिस्तान ने सऊदी क्राउन प्रिंस की मदद के चलते अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ सीधा संपर्क स्थापित किया था. इसके अलावा इमरान खान के विजन से प्रभावित होकर सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने भी ट्रंप-इमरान को संपर्क स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई थी. इन्हीं प्रयासों का नतीजा था कि ट्रंप और इमरान खान की तीन बार मुलाकात हुई थी.
हालांकि बाइडेन के प्रशासन में चीजें पारंपरिक तौर पर चल रही हैं जिसके चलते नौकरशाही का बुनियादी ढांचा आड़े आ रहा है. गौरतलब है कि बाइडेन पाकिस्तान के लिए नए नहीं हैं क्योंकि उनके पास पहले प्रभावशाली विदेशी संबंध समिति के प्रमुख और फिर अमेरिका के वाइस प्रेसीडेंट के तौर पर पाकिस्तान के साथ डील करने का व्यापक अनुभव है.