जम्मू-कश्मीर को लेकर झूठ फैलाने के लिए पाकिस्तान का टूलकिट एजेंडा फ्लॉप हो गया. बीती 5 जनवरी को पाकिस्तान ने सुनियोजित तरीके से भारत को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया कैंपेन की शुरुआत की. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 5 जनवरी की सुबह कश्मीर मुद्दे से जुड़ा ट्वीट किया और ग्लोबल समुदाय से दखल देने की अपील की.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के लिए शर्मिंदगी की बात यह थी कि ट्विटर पर 6.5 मिलियन फॉलोअर्स होने के बावजूद कश्मीर मुद्दे से जुड़े इस ट्वीट को मात्र 463 रिट्वीट मिले यानी भारत को बदनाम करने की सोशल मीडिया कैंपेन की हवा 5 जनवरी की सुबह ही निकल गई थी. वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी के ट्वीट को करीब 2000 रिट्वीट मिले.
पाक विदेश मंत्रालय ने झोंक दी पूरी ताकत
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस कैंपेन को कामयाब बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ForeignOfficePk ट्विटर हैंडल से कश्मीर मुद्दे पर ट्वीट किया गया जिसके मात्र 68 रिट्वीट हुए जबकि इस टि्वटर हैंडल के 4 लाख 54 हज़ार फॉलोअर्स हैं. कश्मीर के मुद्दे पर भारत के खिलाफ झूठ फैलाने के लिए इस कैंपेन की शुरुआत में 25 पाकिस्तानी दूतावास शामिल किए गए थे जो अलग-अलग देशों से कश्मीर पर झूठ फैला रहे थे. 5 से 9 जनवरी के बीच चल रहे इस कैंपेन में कुल 40 पाकिस्तानी दूतावास और वाणिज्य दूतावास शामिल थे.
भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान की साजिश पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि एक दिन सोशल मीडिया पर कुछ ट्रेंड होने से हकीकत नहीं बदल जाती कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि हमारे पड़ोसी मुल्क को भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देने का अधिकार नहीं है.