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UNICEF के सामने PAK ने उठाया कश्मीर मुद्दा, भारत ने दिया करारा जवाब

श्रीलंका में चल रहे UNICEF दक्षिण एशियाई संसदीय सम्मेलन में पाकिस्तान ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर का मामला उठाया है. भारत ने कहा है कश्मीर का मामला आंतरिक है, पाकिस्तान इसमें न दखल दे.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो-ANI)
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (फाइल फोटो-ANI)

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  • पाकिस्तान ने श्रीलंका में भी अलापा कश्मीर राग
  • भारतीय सांसद ने कश्मीर पर पाकिस्तान को दी नसीहत
  • पाकिस्तान अल्पसंख्यक, ईशनिंदा और मानवाधिकारों की करे फिक्र

पाकिस्तान वैश्विक मंच पर भारत को कश्मीर पर घेरने की लगातार कोशिश कर रहा है लेकिन हर बार उसका मंसूबा फेल हो जा रहा है. मालदीव की संसद में कश्मीर का मुद्दा उठाने के बाद अब एक और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश की. श्रीलंका के कोलंबो में हो रहे यूनिसेफ की दक्षिण एशियन पार्लियामेंट्री कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा.

श्रीलंका में चल रहे UNICEF दक्षिण एशियाई संसदीय सम्मेलन में पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया. हालांकि श्रीलंका में कश्मीर मुद्दा उठाने का पाकिस्तान का मंसूबा नाकाम हो चुका है. जिस पर भारत ने भी करारा जवाब दिया. भारत की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पाकिस्तान को जवाब दिया.

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गौरव गोगोई ने कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपने मामलों पर ध्यान देने की जरूरत है. भारत की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिया.

पाकिस्तान को  संबोधित करते हुए गौरव गोगोई ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मुद्दा है. भारतीय लोकतंत्र कश्मीर पर निर्णय ले सकता है. पाकिस्तान अपनी स्थानीय समस्याओं पर ध्यान दे. पाकिस्तान ईश निंदा, मानवाधिकारों, अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए काम करे.'

मालदीव की संसद में चौथे दक्षिण एशियाई स्पीकर्स के 'अचीविंग द सस्टेनेबल गोल्स' शिखर स्म्मेलन में भारत और पाकिस्तान के सांसदों का आमना-सामना हुआ था, जहां पाकिस्तान के डिप्टी स्पीकर ने कश्मीर मुद्दे को उठाने की मांग की थी.

पाकिस्तान के नेशनल एसेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने कश्मीर का मुद्दा उठाया और कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द किए जाने के बाद मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया. इस पर भारत की राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह खड़े हुए और सख्ती से उनके दावों का खंडन किया था.

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