आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने की दुहाई देने वाले पाकिस्तान का एक और धोखा सामने आया है. बीते दिनों FATF की बैठक से पहले जो खबर थी कि पाकिस्तान ने मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज़ सईद के संगठन जमात-उद-दावा पर बैन लगाया है, वह झूठी निकली. जो लिस्ट सामने आई है, उससे खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान की सरकार ने इस संगठन पर बैन नहीं लगाया है, बल्कि सिर्फ इनपर निगरानी रखने की बात कही है.
पाकिस्तान के नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान की सरकार ने कई आतंकी संगठनों पर कार्रवाई की है. इनमें से कुछ पर बैन लगाया गया है जबकि कुछ पर निगरानी रखी जा रही है. जिनपर निगरानी रखी जा रही है उसमें हाफिज़ सईद का जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन है. इससे पहले इनपर भी बैन लगाने की बात थी.
यानी पाकिस्तान जो दुनियाभर के सामने कह रहा था कि वह आतंकियों के खिलाफ कड़े एक्शन ले रहा है और शांति चाहता है वो सब एक सफेद झूठ निकला. हालांकि, इस लिस्ट में जिन संगठनों पर बैन लगाने की बात कही गई है, उसमें कई बड़े संगठन शामिल हैं. जिनमें मौलाना मसूद अजहर का जैश-ए-मोहम्मद भी शामिल है.
लेकिन दुनिया ने हाल ही में देखा है कि बालाकोट में जैश का कितना बड़ा ट्रेनिंग कैंप चल रहा था जिसे भारत की वायुसेना ने तबाह कर दिया. इतना ही नहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने लाइव टेलिविजन पर कहा कि मसूद अजहर हमारे पाकिस्तान में ही हैं और उनका अभी इलाज जारी है.
आपको बता दें कि हाफिज सईद ही मुंबई में हुई 26/11 आतंकी हमले का जिम्मेदार है. इसके अलावा भी उसने कई आतंकी हमले हिंदुस्तान में करवाए और भारत के खिलाफ आग उगली है. हाफिज को ग्लोबल आतंकी भी घोषित किया जा चुका है.
पाकिस्तान का ये एक्शन उनके प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान को भी गलत ठहराता है, जहां उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद से परेशान हैं और भारत अगर सबूत देता है, तो पाकिस्तान एक्शन लेने तैयार है.