तमाम मानवाधिकार संगठनों की अपील के बावजूद पाकिस्तान मर्डर के एक दोषी को व्हीलचेयर पर फांसी देने को तैयार है. 25 अगस्त को सजा देने की इस प्रक्रिया पर आखिरी सुनवाई होनी
है.
मर्डर का दोषी 43 साल का अब्दुल बासित विकलांग है और फांसी के तख्त पर पहुंचने में असमर्थ है. साल 2009 में ही बासित को दोषी करार दिया गया था. लेकिन सालभर के भीतर वो टीबी
से ग्रस्त हो गया जिसके बाद कमर के नीचे उसका पूरा शरीर लकवाग्रस्त हो गया.
ब्लैक वॉरंट के बावजूद टलती रही फांसी
इसी साल 29 जुलाई को बासित के खिलाफ ब्लैक वॉरंट जारी किया गया था. लेकिन वकीलों की अपील के बाद उसकी फांसी टाल दी गई. बासित के वकील ने राष्ट्रपति ममनून हुसैन को दया
याचिका भेजी है और दलील दी है कि व्हीलचेयर पर निर्भर एक शख्स को फांसी देना जेल के नियमों के खिलाफ होगा.
फांसी के फंदे को लेकर कंफ्यूजन
जेल प्रशासन इस बात को लेकर चिंतित है कि आखिर बासित को फांसी देने के लिए कितनी लंबी रस्सी की जरूरत होगी. अधिकारियों के लिए यह अनुमान लगा पाना मुश्किल हो रहा है क्योंकि
बासित को व्हीलचेयर समेत फांसी देनी है. ऐसे में उसके और उसकी कुर्सी के वजन के अनुरूप ही फंदा तैयार करना होगा.