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लॉकडाउन का असर? पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा में भारी बढ़ोतरी

पाकिस्तान में जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च तक महिलाओं के खिलाफ हिंसा में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसमें कुछ हदतक समय लॉकडाउन का भी शामिल रहा है.

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लॉकडाउन के बीच महिलाओं पर अपराध बढ़े?
लॉकडाउन के बीच महिलाओं पर अपराध बढ़े?
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पाकिस्तान में लॉकडाउन का असर
  • महिलाओं के खिलाफ अपराध में बढ़ोतरी

पाकिस्तान में इस वक्त कोरोना वायरस महामारी की वजह से आंशिक तौर पर लॉकडाउन लागू है. इस बीच वहां महिलाओं के खिलाफ हिंसा में बढ़ोतरी हुई है. पाकिस्तान में बीते तीन महीने में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में 200 फीसदी की वृद्धि हुई है.

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सस्टेनेबल सोशल डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन (एसएसडीओ) की इस साल की जनवरी से मार्च तक की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
गौरतलब है कि रिपोर्ट में जिस अवधि का उल्लेख किया गया है, वह कोरोना महामारी के फैलने से पहले की है. इस महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में घरेलू हिंसा के मामले अन्य देशों की तरह पाकिस्तान में भी बढ़े हैं. लेकिन, एसएसडीओ की रिपोर्ट में इस अवधि के बजाए उस समय का जिक्र है जिसे आमतौर से 'सामान्य' कहा जाता है.

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'द न्यूज' में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि एसएसडीओ की रिपोर्ट राष्ट्रीय व प्रांतीय स्तर पर प्रकाशित समाचारों पर आधारित है. यह स्पष्ट है कि घटनाएं जितनी सामने आई हैं, उससे कहीं अधिक हो सकती हैं क्योंकि देश में महिलाओं पर हिंसा या अन्य अपराधों की खबरें कभी भी पूरी तरह से सामने नहीं आतीं. 

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एसएसडीओ की रिपोर्ट में बाल विवाह, बच्चियों और बच्चों का यौन शोषण, बाल श्रम, घरेलू हिंसा, अपहरण, दुष्कर्म व हत्या की वारदात को शामिल किया गया है. इसमें कहा गया है कि हाल के महीनों में पाकिस्तान में कुल अपराध का 90 फीसदी हिस्सा महिलाओं व बच्चों से संबंधित रहा है. 


रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले के महीनों की तुलना में फरवरी-मार्च 2020 में महिलाओं के खिलाफ हिंसा में 200 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, मार्च के महीने में दुष्कर्म की घटनाओं में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई. 


इसके मुताबिक, साल 2020 के जनवरी-फरवरी महीने की तुलना में मार्च के महीने में पाकिस्तान में हत्या की घटनाओं में 142 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.

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