ब्रिटेन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अब डूबने के बेहद करीब पहुंच गई है. इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी आई है, जिसकी वजह से हजारों कंटेनर बंदरगाहों पर अटके हुए हैं. इस बीच खबर सामने आई है कि पाकिस्तान में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छूने वाली हैं.
पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की अफवाह के चलते शनिवार को देश के कई हिस्सों में पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लग गईं. सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही खबरों के मुताबिक, एक फरवरी को पेट्रोल और डीजल की कीमतें 45 से 80 रुपये तक बढ़ने की उम्मीद है.
पेट्रोल पंप पर लाइन में लगे हसन ने अखबार डॉन को बताया कि हमने सोशल मीडिया पर एक रिपोर्ट देखी कि डॉलर की कीमत और इंटरनेशनल पेट्रोलियम की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से तेल की कीमतें बढ़ेंगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी तरह की स्थिति अन्य इलाकों में भी देखने को मिली. जियो न्यूज ने कहा कि गुजरांवाला में केवल 20 प्रतिशत पंपों पर पेट्रोल उपलब्ध था, जबकि रहीम यार खान, बहावलपुर, सियालकोट और फैसलाबाद में भी भारी कमी की सूचना मिली थी. हालांकि, एक अधिकारी ने डॉन को बताया कि अफवाहें निराधार थीं और लोगों से उन्हें गंभीरता से नहीं लेने की अपील की. उन्होंने कहा कि अगले दो हफ्तों के लिए मूल्यों में कोई बदलाव करने की तैयारी नहीं है.
अधिकारी के मुताबिक, मौजूदा नियमों के मुताबिक, पहले ओगरा पेट्रोलियम विभाग को इसके लिए प्रस्ताव भेजता है, इस प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय में भेजा जाता है. अभी हमने कोई मसौदा तैयार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अगर रुपये के अवमूल्यन और अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों के प्रभाव को देखा जाए तो यह 15 फरवरी से शुरू होने वाले पखवाड़े की गणना में दिखाई देगा.
पाक के आर्थिक हालात खराब
बता दें कि पाकिस्तान के आर्थिक हालात इतने खतरनाक हो चुके हैं, जिसकी वजह से एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 250 पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गई है. पाकिस्तान पहले से ही उच्च महंगाई और नकदी संकट का सामना कर रहा है. बीते एक साल में पहले बाढ़ और अब आर्थिक संकट ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है. उसके हालात श्रीलंका जैसे हो चुके हैं.
सामान के पेमेंट के लिए पैसे नहीं
रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में महंगाई 25 फीसदी के करीब है और आटा...दाल...चावल से लेकर पेट्रोल-डीजल तक लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 4.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. जरूरी सामानों का आयात करने में असमर्थ पाकिस्तान में आर्थिक संकट के साथ ही बिजली संकट भी गहरा गया है. यही नहीं पाकिस्तानी बंदरगाहों पर विदेशी कंटेनर भरे पड़े हैं. मगर पेमेंट करने के लाले हैं. कुल मिलाकर कहें तो पाकिस्तान के सामने भी श्रीलंका की तरह ही डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है.