भारत से राजनयिक तनाव के बीच मालदीव के समर्थन में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान सामने आया है. पाकिस्तान ने मालदीव को विकास कार्यों में मदद देने का आश्वासन दिया है.
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से टेलीफोन वार्ता के दौरान पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवरुल हक ककार ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
पाकिस्तान ने मालदीव को उसके विकास कार्यों में मदद देने का भी आश्वासन दिया है. क्षेत्रीय सहयोग के अलावा दोनों नेताओं के बीच अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर बातचीत हुई. इसके अलावा क्लाइमेट चेंज के प्रभावों को कम करने के प्रयासों पर भी चर्चा की गई.
बता दें कि मालदीव और पाकिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना 26 जुलाई 1966 को हुई थी. दोनों देशों के बीच एक और मजबूत कड़ी चीन है. पाकिस्तान को एक तरह से चीन का सदाबहार दोस्त माना जाता है जबकि मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू भी चीन समर्थक हैं.
भारत और मालदीव के बीच कैसे शुरू हुआ तनाव?
हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद मालदीव की सरकार के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के इस दौरे की कुछ तस्वीरों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद गहराया. मामले पर विवाद बढ़ने के बाद इन तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया था.
दोनों देशों के इस तनाव के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू चीन के पांच दिन के राजकीय दौरे पर चले गए थे. इस दौरे से लौटने पर मुइज्जू लगातार भारत पर निशाना साध रहे हैं.
मुइज्जू ने मालदीव लौटते ही दो टूक कह दिया था कि हमें बुली करने का लाइसेंस किसी के पास नहीं है. उन्होंने कहा था कि हम भले ही छोटा देश हो सकते हैं लेकिन इससे किसी को भी हमें बुली करने का लाइसेंस नहीं मिलता. हालांकि, मुइज्जू ने प्रत्यक्ष तौर पर किसी का नाम लेकर ये बयान नहीं दिया है. लेकिन माना जा रहा है कि उनका निशाना भारत की तरफ है.
इसके बाद मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च से पहले मालदीव से अपने सैनिकों को हटाने को कहा था. बता दें कि चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने पांच दिन के अपने चीन दौरे के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. उनका ये दौरा ऐसे समय पर हुआ था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों को सस्पेंड किया गया. इस मामले को लेकर भारत और मालदीव दोनों देशों में राजनयिक विवाद बढ़ा हुआ है.