प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐतिहासिक इजरायल दौरे का गुरुवार को आखिरी दिन है. इस दौरे पर पूरी दुनिया बड़े गौर से देख रही है, वहीं पाकिस्तान की भी इस पर पैनी नजर है. पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा का असर इस क्षेत्र पर पड़ेगा.
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा है कि इजरायल भारत को लंबे समय से हथियारों एवं अन्य रक्षा उपकरणों की आपूर्ति करता आया है और इन सौदों को दोनों पक्षों ने जानबूझाकर गोपनीय रखा है. दोनों देश अपने गहरे रक्षा सहयोग पर अब अधिक खुलकर एवं सार्वजनिक रूप से बात करते हैं. वहीं अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ डॉ. जफर नवाज जसपाल ने कहा कि भारत एवं इजरायल के बीच बढ़ता रक्षा सहयोग दक्षिण एशियाई क्षेत्र में सामरिक संतुलन बिगाड़ेगा.
वहीं एक अन्य अखबार, द डॉन ने लिखा है कि जिस तरह इजरायल फिलिस्तीन पर जुर्म करता है वैसे ही भारत कश्मीरियों पर जुर्म करता है. अखबार ने इस दोस्ती को एक सामरिक दोस्ती करार दिया है.
इसके अलावा भी दुनिया के कई अखबार मोदी के इस दौरे को कवर कर रहे हैं.
डायचे वेले, जर्मनी - इजरायल मोदी के दौरे से विरोधियों को ये जताना चाहता है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश उसका सबसे अच्छा दोस्त है. इजरायल भारत की दोस्ती का इस्तेमाल मिडिल-ईस्ट व एशिया के अन्य देशों के साथ डिप्लोमेसी में भी कर सकता है, ताकि दुनिया में उसकी स्वीकार्यता बढ़े.
अल जजीरा, कतर - भारतीय पीएम की यह ऐतिहासिक यात्रा है. दो अरब डॉलर के रक्षा सौदे होंगे. मोदी की मेक इन इंडिया पहल को इजरायल का समर्थन मिलेगा. पिछली सरकारों से उलट हिंदू नेता मोदी ने इजरायल पर भरोसा जताया है.
हारेत्ज, इजरायल - हाल के वर्षों में किसी भी देश के राष्ट्राध्यक्ष का इस तरह स्वागत नहीं हुआ. यहां तक इस साल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आने पर भी इतनी गर्मजोशी नहीं दिखी थी.
न्यूयॉर्क टाइम्स - अपनी यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी भी इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तरह आपसी रिश्तों को फिलिस्तीन के परिप्रेक्ष्य में देखने की पुरानी परंपरा तोड़ने के लिए उत्सुक हैं. भारत और इजरायल दोनों प्रतिकूल परिस्थितियों में कई साझा हितों के साथ एक-दूसरे के साथ आए हैं.