खूंखार आतंकियों की पनाहगाह पाकिस्तान खुद को दुनिया के सामने शांतिदूत साबित करने में जुटा हुआ है. हैरान करने वाली बात यह है कि जिस पाकिस्तान के आतंकवादी भारत समेत दुनियाभर में दहशतगर्दी को अंजाम देते हैं, उसकी संसद में अपने प्रधानमंत्री इमरान खान को शांति का नोबेल पुरस्कार देने की मांग वाला प्रस्ताव लाया गया है. यह प्रस्ताव पाकिस्तानी सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने पेश किया है.
इसमें कहा गया कि भारत और पाकिस्तान के बीच हवाई भिड़ंत के बाद बढ़े तनाव को कम करने के लिए इमरान खान ने बड़ा फैसला लिया और भारतीय पायलट अभिनंदन वर्द्धमान को रिहा कर दिया. लिहाजा परमाणु संपन्न भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए इमरान खान को शांति का नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए. उन्होंने दोनों देशों के बीच उपजे तनाव को शांति की ओर मोड़ दिया.
आपको बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले को लेकर बुरी तरह घिरने के बाद से पाकिस्तान शांति वार्ता का राग अलापा रहा है. हालांकि जब भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, तो वह बौखला गया. इसके बाद पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र पर हवाई हमला किया. इस दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच हवाई भिड़ंत हुई. इसमें भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया.
इस दौरान भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान मिग-21 भी गिर गया और इसको चला रहे पायलट अभिनंदन वर्द्धमान पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में पहुंच गए. इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उनको बंधक बना लिया और सौदेबाजी करने लगा. हालांकि भारत विंग कमांडर अभिनंदन को लेकर पाकिस्तान की सौदेबाजी से राजी नहीं हुआ. साथ ही भारत ने पाकिस्तान से विंग कमांडर अभिनंदन को बिना शर्त रिहा करने को कहा.
भारत की चेतावनी के बाद गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अभिनंदन को रिहा करने का ऐलान करना पड़ा. खान ने पाकिस्तानी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि वो शांति पहल के तहत भारतीय पायलट अभिनंदन को रिहा कर रहे हैं. इसके बाद शुक्रवार को सुबह से पूरा हिंदुस्तान अभिनंदन की रिहाई का इंतजार करता रहा. इस दौरान पाकिस्तान ने खूब नाटकबाजी की. उसने पहले सुबह 10 बजे विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा करने की बात कही, लेकिन वह अपने इस वादे पर खरा नहीं उतरा.
इसके बाद पाकिस्तान ने दोपहर दो बजे अभिनंदन को रिहा करने का वादा किया, लेकिन इस बार भी उसने चाल चली. फिर उसने बीटिंग द रीट्रीट के बाद अभिनंदन को भारत को सौंपने की हवा उड़ाई, लेकिन रात नौ बजे तक ऐसा नहीं हुआ. इस बीच पाकिस्तान द्वारा कागजी कार्रवाई पूरी नहीं होने की दलील दी गई. हालांकि भारत के दबाव के आगे पाकिस्तान को पूरी तरह झुकना पड़ा और आखिरकार शुक्रवार रात 09:20 बजे अभिनंदन को भारत को सौंपना पड़ा.
अब पाकिस्तान अपने इस कदम को भुनाने में जुटा हुआ है. दुनिया में अलग-थलग पड़ चुका पाकिस्तान इसके जरिए अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहा है. वह एक ओर आतंकियों को सुरक्षित पनाह दे रहा है और भारत समेत दुनियाभर में आतंकी हमले करवा रहा, तो दूसरी ओर शांतिदूत बनने की नौटंकी कर रहा है.