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पाकिस्तान: वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट- बिना IMF की मदद नहीं चलेगा काम

पाकिस्तानी वित्त सचिव आरिफ अहमद खान ने बताया कि हमने कार्यवाहक प्रधानमंत्री से परमिशन मांगी है, जिसके बाद वित्तीय मदद के लिए IMF से बात की जाएगी. हालांकि, इस पर फैसला नए वित्त मंत्री के चयन के बाद ही हो सकता है.

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PAK को चाहिए IMF की मदद (File)
PAK को चाहिए IMF की मदद (File)

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पड़ोसी देश पाकिस्तान की आर्थिक हालत दिन प्रति दिन बिगड़ती जा रही है. अब पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नसीरुल मुल्क को रिपोर्ट भेजी है कि बिना IMF (International Monetary Fund) की मदद के देश की स्थिति नहीं सुधर सकती है.  

पाकिस्तानी वित्त सचिव आरिफ अहमद खान ने बताया कि हमने कार्यवाहक प्रधानमंत्री से परमिशन मांगी है, जिसके बाद वित्तीय मदद के लिए IMF से बात की जाएगी. हालांकि, इस पर फैसला नए वित्त मंत्री के चयन के बाद ही हो सकता है.

उन्होंने बताया कि देश के बाद अब आईएमएफ की मदद लेने के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं है. अब मदद कब ली जाएगी या कैसे ली जाएगी इस पर फैसला कार्यवाहक प्रधानमंत्री को ही करना है.

बता दें कि हाल ही में सामने आया था कि पाकिस्तान दिन पर दिन कर्ज तले डूबता चला जा रहा है. पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, पाकिस्तान भुगतान संकट के चलते चीन से 1-2 बिलियन डॉलर (68- 135 अरब रुपए) का नया लोन लेने जा रहा है. यह इस बात का एक और संकेत है कि पाकिस्तान बीजिंग पर आर्थिक तौर पर किस कदर निर्भर हो चुका है.

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रॉयटर्स एजेंसी के मुताबिक, पाकिस्तान का चीन और इसके बैंकों से इस वित्तीय वर्ष में लिया गया कर्ज करीब 5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने के कगार पर है. चीन पर पाकिस्तान की निर्भरता ऐसे समय में बढ़ रही है जब अमेरिका पाक को दी जाने वाली वित्तीय मदद में कटौती कर रहा है.   

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास अब 10.3 अरब डॉलर का ही विदेशी मुद्रा भंडार है, जो पिछले साल मई में 16.4 अरब डॉलर था.

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