पाकिस्तान के लरकाना स्थित मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में 16 सितंबर को मृत पाई गई बीडीएस फाइनल की हिंदू छात्रा निम्रता चंदानी की रहस्यमयी मौत ने पूरे पाकिस्तान को झकझोर कर रख दिया है. निम्रता की मौत को आत्महत्या बताने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सच्चाई इससे परे नजर आ रही है.
कराची के एक अस्पताल में बतौर फिजिशियन कार्यरत निम्रता के भाई विशाल सुंदर ने स्थानीय पत्रकारों को घटना वाले दिन बताया था कि उनकी बहन किसी भी सूरत में आत्महत्या नहीं कर सकती क्योंकि उनके परिवार को इसके पीछे का कोई कारण नजर नहीं आता. वहीं, पाकिस्तान की पुलिस इस मामले की लीपापोती करती नजर आ रही है और वह लगातार निम्रता की मौत तो आत्महत्या का नाम दे रही है.
सच्चाई हालांकि इसके विपरीत नजर आती है क्योंकि शहीद मोहतरमा बेनजीर भुट्टो मेडिकल यूनिवर्सिटी के बीबी आसिफा डेंटल कॉलेज में पढ़ने वाली निम्रता के सोशल मीडिया प्रोफाइल को देखकर यह हजम कर पाना लगभग नामुकिन है कि एक बेहद संपन्न और शिक्षित परिवार से ताल्लुक रखने वाली जिंदादिल लड़की भला आत्महत्या कैसे कर सकती है.
FB पर 14 सितंबर को बदला था प्रोफाइल फोटो
निम्रता का शव हॉस्टल के उनके कमरे में फंदे से लटका हुआ पाया गया था. 14 सितंबर को ही निम्रता ने अपने फेसबुक पेज पर अपना प्रोफाइल फोटो अपडेट किया था और वह इस तस्वीर में गुलाबी रंग की समीज और सफेद रंग की सलवार में एक पार्क में खड़ी मुस्कुरा रही हैं. उनकी इस तस्वीर पर उनके डॉक्टर भाई विशाल सुंदर और उनकी पत्नी समीथा विशाल सुंदर ने खूब प्यार लुटाया है. इससे पहले 25 फरवरी को निम्रता ने अपने भाई की शादी की सालगिरह पर बधाई देते हुए एक वीडियो पोस्ट किया था. निम्रता की भाभी जिन्ना पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर हैं और भाई कराची के सिविल अस्पताल में कंस्लटेंट फिजिशियन हैं. उनके पास एमबीबीएस, एमसीपीएस, एफसीपीएल (मेडिसीन) की डिग्री है.
घर में है लैंड क्रूजर कार
निम्रता का परिवार काफी अमीर है और उनके घर में लैंड क्रूजर जैसी महंगी कारे हैं. निम्रता ने सितंबर 2018 को एक और पोस्ट डाला था, जिसमें वह अपने भाई और भाभी के साथ कराची में मस्ती करती नजर आ रही हैं. इस पोस्ट में निम्रता ने लिखा था 'पापा (जयपाल चंदानी) वी आर मिसिंग यू.' इससे पहले, 17 जून 2018 को निम्रता ने एक और पोस्ट डाला था, जिसमें वह अपने पिता और चाचा पवन चंदानी के साथ किसी रेस्तरां में खड़ी मुस्कुरा रही हैं.
बर्थडे पर किया था अहम पोस्ट
निम्रता के फेसबुक वॉल पर सबसे अहम पोस्ट 7 जून 2018 का है, जिसमें उन्होंने अपने जीवन में परिवार के महत्व को बयां किया था. वह लिखती हैं कि परिवार उन्हें संपूर्ण बनाता है और परिवार के बगैर उनका कोई अस्तित्व नहीं. इस पोस्ट में निम्रता ने अपने परिवार के सभी सदस्यों को एक-एक करके याद किया और अपने जीवन में सबके महत्व को बयां किया था. यह पोस्ट शायद निम्रता ने अपने जन्मदिन के अवसर पर किया था और हॉस्टल में परिवार से दूर रहते हुए सबको मिस कर रही थीं. यही कारण है कि इस पोस्ट में निम्रता ने अपने चचेरे भाई और बहनों को भी याद किया है और लिखा है कि इन सबकी बदौलत ही वह लाइफ में इतनी सारी मस्ती कर पाती हैं.
निम्रता का कोई भी ऐसा पोस्ट फेसबुक पर नहीं है, जिसमें वह अपने परिजनों के अलावा किसी और इंसान के साथ नजर आई हों और साथ ही वह कहीं भी उदास या हताश नहीं नजर आईं. ऐसे में भला यह कैसे कहा जा रहा है कि उनका किसी मुसलमान युवक के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था और इससे पनपे हालात के कारण उन्होंने आत्महत्या की है.
गले पर खरोंच के निशान
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, निम्रता का शव हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटका हुआ पाया गया था. कमरा अंदर से बंद था. फोरेंसिक जांच से पता चला कि शरीर पर किसी तरह की प्रताड़ना के निशान नहीं मिले, लेकिन गले पर खरोंच पाई गई है, जिससे खुदकुशी की आशंका जताई जा रही है.निम्रता के भाई विशाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि उनकी बहन की हत्या की गई है. विशाल के मुताबिक, निम्रता ने घटना से दो घंटे पहले कॉलेज में मिठाई बांटी थी. इसके बाद ऐसा भला क्या हो सकता है कि इसके महज दो घंटे बाद ही वह खुदकुशी कर ले? विशाल ने अपनी बहन का पोस्टमार्टम निजी अस्पताल के डॉक्टरों से कराने की मांग की.
पूर्व क्रिकेटर ने भी सवाल खड़ा किए
निम्रता को इंसाफ दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर भी '#JusticeforNimrata' नाम से एक मुहिम छेड़ी गई है. इसे लेकर पाकिस्तान के साथ-साथ भारत में काफी रोष है. दोनों देशों से कई लोग निम्रता की मौत को संदेह के घेरे में खड़ा कर रहे हैं. पूर्व क्रिकेटर शोएब अख्तर भी इन्हीं में से एक हैं.
इसके अलावा सांसद व पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के सिंध की अल्पसंख्यक शाखा के प्रमुख खील दास कोहिस्तानी ने अपने ट्वीट में कहा था कि निम्रता के साथ बर्बरता किए जाने के निशान मिले हैं और यह अल्पसंख्यकों की असुरक्षा और प्रताड़ना का बेहद संवेदनशील मामला है. (इनपुट-IANS)