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50 साल बाद पाकिस्तान ने ऑस्कर के लिए नामित की फिल्म

ऑस्कर फिल्म पुरस्कारों की दौड़ से 50 साल तक अलग रहने के बाद भारत की मीनू गौर के सह निर्देशन में बनी नसीरूद्दीन शाह अभिनीत फिल्म ‘जिंदा भाग’ को पाकिस्तान ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए नामित किया है.

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फिल्म 'जिंदा भाग' का पोस्टर
फिल्म 'जिंदा भाग' का पोस्टर

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ऑस्कर फिल्म पुरस्कारों की दौड़ से 50 साल तक अलग रहने के बाद भारत की मीनू गौर के सह निर्देशन में बनी नसीरूद्दीन शाह अभिनीत फिल्म ‘जिंदा भाग’ को पाकिस्तान ने इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए नामित किया है. एमी और एकेडमी पुरस्कार विजेता शरमीन ओबैद चिनॉय की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञों के एक पैनल ने ‘जिंदा भाग’ को चार फिल्मों में से चुना, जो चयन समिति को सौंपी गई थी. अन्य फिल्में ‘चाम्बेली’, ‘जोश’ और ‘लम्हा’ हैं.

‘जिंदा भाग’ के निर्माता मजहर जैदी हैं और यह अवैध प्रवास की समस्याओं पर केंद्रित है. इसमें नसीरूद्दीन शाह मुख्य भूमिका में हैं.

शरमीन ओबैद चिनॉय फिल्म्स के फेसबुक पेज पर जारी किए बयान में कहा गया है कि ‘पाकिस्तान एकेडमी सेलेक्शन कमिटी’ ने 50 साल से भी अधिक समय बाद ‘जिंदा भाग’ का चयन ऐसी प्रथम पाकिस्तानी फिल्म के रूप में किया है जिसे ऑस्कर के लिए भेजा जाएगा.’ फिल्म का चयन करने के लिए पैनल गुप्त मतदान करता है और अंतिम पसंद को आम तौर पर विशेषज्ञों का जबरदस्त समर्थन मिलता है.

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‘द रेलक्टेंट फंडामेंटलिस्ट’ के लेखक मोहसिन हामिद, ‘रामचंद पाकिस्तानी’ के निर्देशक महरीन जब्बर, लेखक एवं अभिनेता राहत काजमी, फिल्म निर्माता अकीफा मियां, प्रख्यात अदाकारा समीना पीरजादा और कलाकार फ्रेमजी मिनवाला जूरी में शामिल थे. ऑस्कर में 1956 में सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा की फिल्म की श्रेणी बनाई गई थी.

यह फिल्म उर्दू और पंजाबी में एक कॉमेडी थ्रिलर है जो तीन लोगों के इर्द गिर्द घूमती है. ये तीनों कुछ अलग तरीके से विदेश जाना चाहते हैं. अवैध प्रवास का मुद्दा पाकिस्तान में एक ज्वलंत विषय है.

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