पाकिस्तान ने आधुनिक एफ-16 विमानों को लेकर अमेरिका की शर्तों को मानने से इनकार कर दिया है. अमेरिकी विदेश विभाग ने इसी हफ्ते कहा था कि पाकिस्तान यदि एफ-16 विमान खरीदना चाहता है, तो उसे इसके लिए अपने पास से पूरी रकम देनी होगी.
पाकिस्तान ने दिया ये तर्क
'डॉन ऑनलाइन' के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज चौधरी ने शनिवार को कहा कि एफ-16 बेचने के लिए कोई शर्त नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान ने उन विमानों को सिर्फ आतंकियों से लड़ने के लिए इस्तेमाल करने की योजना बनाई है. लिहाजा हम अमेरिका की कोई भी शर्त नहीं मानेंगे.
पाक खरीदेगा दूसरे लड़ाकू विमान
पाकिस्तान ने अमेरिका को बता दिया है कि उसके पास अपने संसाधनों से एफ-16 विमानों को खरीदने के लिए पैसा नहीं है. पाक सरकार का ये भी कहना है यदि पैसे को लेकर मामला नहीं सुलझा तो वह अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए कोई अन्य लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार करेगा.
पाक-अमेरिका के बीच क्या हुई थी डील
पाकिस्तान की अमेरिका के साथ 8 एफ-16 विमान खरीदने को लेकर सहमति बनी थी. इस समझौते के तहत पाकिस्तान को अपनी राष्ट्रीय निधि से 27 करोड़ डॉलर भुगतान करने थे. माना जा रहा था कि इन विमानों की शेष राशि अमेरिका अपनी फॉरेन मिलिट्री फाइनांसिंग (एफएमएफ) निधि से देगा. पिछले महीने अमेरिकी संसद ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाने को इस सौदे के लिए अनुदान राशि नहीं देने का निर्णय लिया था. लेकिन बाद में नई शर्तें रख दी.
बाद में क्यों पलटा अमेरिका
अमेरिका की ओर से निधि उपलब्ध नहीं कराने के पीछे जो महत्वपूर्ण कारण हैं, उनमें पहला यह है कि पाकिस्तान ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं की. दूसरा, ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में मददगार डॉक्टर शकील आफरीदी को जेल में डालना और तीसरा, पाकिस्तानी परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका का डर. बहरहाल, पाक विदेश सचिव का कहना है कि समझौते को लेकर अमेरिका को मनाने के कूटनीतिक प्रयास जारी हैं.