भारत के सबसे बड़े दुश्मन आतंकी हाफिज सईद पर पाकिस्तानी हुक्मरानों के उमड़े प्रेम का कच्चा चिट्ठा सामने आया है. हाफिज सईद के संगठन जमात-उद दावा के नेता आमिर हमजा ने अपनी किताब से जुड़े कई ऐसे खुलासे किए हैं, जो बेहद हैरान करने वाले हैं. जमात-उद दावा पर लिखी गई इस किताब के जरिए आमिर हमजा ने बताया है कि संगठन के काम के लिए नवाज शरीफ और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नसीर जांजुआ ने भी उसकी तारीफ की है.
'जेयूडी रोल अगेंस्ट टेररिज्म' नामक पुस्तक का विमोचन सोमवार को लाहौर के एक होटल में किया गया. इस दौरान वहां जमात-ए इस्लामी, अवामी नेशनल पार्टी समेत कई राजनीतिक दलों के नेता और पत्रकारों ने हिस्सा लिया. पुस्तक विमोचन के दौरान इसके लेखक और जमात-उद दावा के सदस्य आमिर हमजा ने बताया कि जमात-उद दावा पिछले सात-आठ सालों से आतंकियों के खिलाफ आवाज उठा रहा है.
शरीफ और जांजुआ ने की तारीफ
किताब में आमिर हमजा ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके भाई व पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ समेत पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नसीर जांजुआ के पत्र का भी जिक्र किया है. आमिर हमजा ने बताया कि आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाने और कल्याण कार्य करने के लिए इन नेताओं ने जमात-उद दावा को सराहा है.
एनएसए नसीर जांजुआ की तरफ से लिखा गया पत्र भी आजतक के पास है. ये पत्र 18 जनवरी 2017 को लिखा गया था. जिसमें नसीर जांजुआ ने कहा है कि आपने (जेयूडी) दहशतगर्दों के खिलाफ अच्छा काम किया है. जिसके लिए मैं तहे-दिल से आपका शुक्रगुजार हूं.
हाफिज सईद को बताया हीरो
विमोचन कार्यक्रम के दौरान आमिर हमजा ने कहा, 'हमारे नेता हाफिज सईद पाकिस्तान के इकलौते धार्मिक गुरू हैं, जिन्होंने देश के अंदर और बाहर आतंकवाद की आलोचना की है.' आमिर हमजा ने ये भी बताया कि यह किताब उनके अलग-अलग उर्दू अखबारों में लिखे गिए उनके लेखों पर आधारित है. जिसमें उन्होंने आतंकवाद पर जमात-उद दावा के रुख का बखान किया है.
आमिर हमजा ने बताया है कि इस किताब में आतंकवाद पर दो अध्याय लिखे गए हैं. जिसमें आतंकवादियों की यह कहते हुए आलोचना की गई है कि वह अपनी करतूतों से इस्लाम की छवि खराब कर रहे हैं. इसके अलावा किताब में आतंकवाद के खिलाफ लड़ते हुए जान गंवाने वाले जवानों की कहानियां भी शामिल की गई हैं.
कार्यक्रम के दौरान मौजूद राजनेताओं और पत्रकारों ने अपने-अपने संबोधन में किताब की तारीफ करते हुए इसे हर पाकिस्तानी तक पहुंचाने का आह्वान भी किया. साथ ही किताब की तारीफ में कसीदे पढ़ते हुए ये तक कह दिया गया कि जमात-उद दावा पाकिस्तान की विचारधारा का संरक्षक है. ये बात भी उठाई गई कि किताब का अनुवाद कर इसे यूनाइटेड नेशंस और अमेरिका समेत पूरी दुनिया के सामने रखनी चाहिए ताकि उन्हें जमात-उद दावा के बारे में पता चल सके. कुछ वक्ताओं ने तो जमात-उद दावा को पाकिस्तान की पहली संरक्षक दीवार तक की संज्ञा दे डाली.
बता दें कि जमात-उद दावा का संगठन लश्कर-ए तैयबा पूरी दुनियाभर में अपनी आतंकी करतूतों को लेकर बदनाम है. अमेरिका ने भी संगठन और हाफिज सईद को आतंक का आका माना है. यहां तक कि उसे आजाद घूमने की इजाजत मिलने पर भी अमेरिका ने विरोध किया था. मंबई में 26/11 हमले का मास्टरमाइंड भी हाफिज सईद ही है. ऐसे में पाकिस्तानी एनएसए और वहां की सत्ता पर काबिज दल के नेताओं द्वारा हाफिज सईद के संगठन की तारीफ करना आतंक के प्रति उसके मददगार रुख और भारत के आरोपों को और मजबूती देता है.