फिलस्तीन पर इजरायली हमले के बीच पाकिस्तानी सांसद मौलाना चित्राली ने इमरान सरकार से कहा कि इजरायल के खिलाफ जिहाद ही एकमात्र उपाय है. इतना ही नहीं उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए भड़काऊ अंदाज में कहा कि फिलिस्तीन और कश्मीर की आजादी के लिए सरकार परमाणु बम और मिसाइलों का इस्तेमाल करने से नहीं हिचके. चित्राली ने कहा, 'हमने परमाणु बम क्या म्यूजियम में देखने के लिए बनाए हैं? अगर हम फिलिस्तीन और कश्मीर को आजाद नहीं करा सकते हैं तो हमें मिसाइल, परमाणु बम या विशाल सेना की कोई जरूरत नहीं है.'
वह यहीं नहीं रुके और पाकिस्तान से अपील करते हुए कहा कि सरकार को यूहदी मुल्क पर परमाणु बम से हमला करना चाहिए. उन्होंने कहा कि क्या हमने परमाणु बम और मिसाइल बच्चों को दिखाने के लिए बनाया है? अगर हम कश्मीर और फिलिस्तीन को बचाना चाहते हैं तो हमें इसका इस्तेमाल करना होगा. नहीं तो मुस्लिम देशों पर धीरे धीरे शिकंजा कसता रहेगा.
Member national assembly Maulana Chitrali says jihad against Israel is the only option for Pakistan. “We made atom bomb to showcase it in the museum? We don’t need missiles, atomic bombs or a huge army if they can’t be used to liberate Palestine and Kashmir." pic.twitter.com/TDOVbi2zZY
— Naila Inayat (@nailainayat) May 18, 2021
फिलिस्तीनियों पर हवाई हमले को लेकर तुर्की के बाद पाकिस्तान वो दूसरा देश है जो इजरायल के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को लामबंद करने में जुटा हुआ है. इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सऊदी अरब के विदेश मंत्री से बात करके फिलिस्तीन के साथ खड़े होने का ऐलान किया था. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने इस बीच अपने देशवासियों से भी एक अपील भी की है.
शाह महमूद कुरैशी ने संसद की कार्यवाही के दौरान ही पाकिस्तानियों से इजरायल का पुरजोर विरोध करने की बात कही. कुरैशी ने फिलिस्तीनियों पर इजरायल के हवाई हमले के खिलाफ जुमे के दिन शुक्रवार को पूरे पाकिस्तान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आह्वान किया है.
नेशनल असंबेली में इजरायल के अत्याचारों पर चर्चा समाप्त करते हुए कुरैशी ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान प्रस्ताव पर सहमत हैं और उनकी रजामंदी के बाद ही वह इसका ऐलान कर रहे हैं. इजरायल के खिलाफ लामबंदी से पहले कुरैशी ने यह ऐलान किया.
शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक आपातकालीन सत्र बुलाने की मांग की जाएगी जहां वह और उनके तुर्की समकक्ष फिलिस्तीन के लिए आवाज उठाएंगे. गाजा की स्थिति के बारे में बात करते हुए कुरैशी ने कहा कि सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि फिलिस्तीन में तुरंत सीजफायर लागू किया जाना चाहिए.