पाकिस्तान में जारी सियासी उठापटक के बीच बुधवार शाम इस्लामाबाद में विपक्ष ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की. इस कांफ्रेंस में शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो भी मौजूद रहे. शहबाज शरीफ ने कहा, 'मैं विपक्ष के अपने साथियों का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने जनता की आवाज सुनते हुए ये फैसला लिया. हमने एक नए सफर का आगाज किया है'.
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बिलावल भुट्टो ने कहा, 'विपक्ष ने जो एकजुटता दिखाई है, वो यकीनन सराहनीय फैसला है. शहबाज शरीफ जल्द ही पाकिस्तान के पीएम बनेंगे. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और एमक्यूएम का जो रिश्ता है, वह बेहद पुराना है. दोनों हर सूरत में आगे मिलकर काम करेंगी. हमें कराची और पूरे पाकिस्तान का विकास करना है. बहुत पहले ही मेरी ख्वाहिश थी कि हम पहले भी मिलकर चुनाव लड़ें. जब सिंध में चुनाव था. जब मैंने ये इच्छा जाहिर की थी. लेकिन आज हम साथ है. मैं इसके लिए एमक्यूएम का शुक्रगुजार हूं. 2018 में हुआ चुनाव एक साजिश थी. उस चुनाव में साजिश की वजह से पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और एमक्यूएम के बीच रिश्ते खराब हुए, जिसका खामियाजा पूरे पाकिस्तान को भुगतना पड़ा'.
बता दें कि आज इमरान खान राष्ट्र को संबोधित करने वाले हैं. वे शाम 7.30 से 8.30 के बीच राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि अपने संबोधन के दौरान इमरान इमरजेंसी जैसा कोई चकित करने वाला कदम उठा सकते हैं. इमरान खान के राष्ट्र को संबोधन करने का ऐलान ऐसे वक्त पर आया, जब फ्लोर टेस्ट से पहले उन्हें बड़ा झटका लगा है. दरअसल, MQM के दो मंत्रियों ने इमरान की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. MQM इमरान खान की सरकार में सहयोगी पार्टी थी, लेकिन बुधवार को ही MQM ने विपक्षी पार्टियों से समझौता कर लिया. इमरान के संबोधन से पहले पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि इमरान खान इस्तीफा नहीं देंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि पीएम इमरान 'आखिरी गेंद तक लड़ेंगे'.
बहुमत साबित करने के लिए 172 वोटों की जरूरत
पाकिस्तान असेंबली में 342 सदस्य हैं. बहुमत के लिए 172 सदस्य होने जरूरी हैं. MQM के इमरान खान का साथ छोड़ने के बाद विपक्ष के पास 177 सदस्यों का समर्थन हो जाएगा. जबकि इमरान खान के पास 164 सदस्यों का समर्थन रह जाएगा. विपक्ष को इमरान खान की सरकार गिराने के लिए सिर्फ 172 सदस्यों की जरुरत है. जो अब संभव होता नजर आ रहा है.
उधर, इमरान खान ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग विदेशी फंड की मदद से पाकिस्तान में उनकी सरकार गिराने की कोशिश कर रहे हैं. इमरान सरकार में मंत्री असद उमर ने दावा किया है कि पीएम इमरान पाकिस्तान के चीफ जस्टिस को यह पत्र दिखाने के लिए तैयार हैं.