ऑस्ट्रेलिया स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है. वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (Global Terrorism Index) में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में सबसे अधिक आतंकवादी हमलों और मौतों के मामले में पाकिस्तान अफगानिस्तान से भी आगे निकल गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकी घटनाओं में इजाफे की वजह से पाकिस्तान इस सूचकांक में चार पायदान ऊपर चढ़कर छठे स्थान पर पहुंच गया है.
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स के अनुसार, पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं से जुड़ी मौतों में दूसरा सबसे ज्यादा उछाल दर्ज किया गया है. पिछले साल की तुलना में मौतों की संख्या बढ़कर 643 हो गई है. पिछले एक दशक की तुलना में यह सबसे ज्यादा है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आतंकवाद से संबंधित पीड़ितों में से कम से कम 55 प्रतिशत सैन्यकर्मी थे. पाकिस्तान में सबसे ज्यादा आतंकवादी हमले अफगानिस्तान से सटे बॉर्डर इलाकों में हुई है. 63 प्रतिशत हमले और 74 प्रतिशत मौतें इसी क्षेत्र में हुई हैं.
पाकिस्तान में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का आतंक
पाकिस्तान में सबसे ज्यादा आतंकी हमलों को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने अंजाम दिया है. 2022 में आतंकवाद से हुई कुल मौतों में से 36 प्रतिशत मौतों के लिए बीएलए जिम्मेदार है. पिछले वर्ष की तुलना में यह नौ गुना अधिक है. रिपोर्ट के मुताबिक, बीएलए ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को भी पीछे छोड़ दिया है. टीटीपी को पाकिस्तानी तालिबान के नाम से भी जाना जाता है. टीटीपी पाकिस्तान में सबसे घातक आतंकी समूह है.
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स के अनुसार, 2022 में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के आतंकी हमलों में मारे गए लोगों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. 2022 में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के एक आतंकी हमले में औसतन 7.7 लोग मारे गए हैं, जबकि एक साल पहले यह आंकड़ा सिर्फ 1.5 था. बीएलए के आतंकी हमलों में मारे गए लोगों में सबसे ज्यादा सैन्यकर्मी हैं. 2022 में बीएलए से जुड़ी 233 मौतों में से 95 फीसदी सैन्यकर्मी थे.
शरिया इस्लामी राज्य की मांग
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से लगे बलूचिस्तान प्रांत की आजादी के लिए लड़ने का दावा करता रहा है. पाकिस्तान, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन ने बीएलए और टीटीपी दोनों को आतंकवादी संगठन घोषित कर चुका है.
फरवरी 2022 में बीएलए ने पाकिस्तान में फ्रंटियर कोर के लिए दो अलग-अलग सुरक्षा चौकियों पर बमबारी और गोलियां चलाई थी. बीएलए ने दावा किया था कि उसने इस हमले में 195 सैनिकों को मार डाला था. इंडेक्स ने इस हमले को सबसे घातक बताया है.
वहीं, टीटीपी पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ आतंकवादी हमले करता रहता है ताकि अफगानिस्तान में कट्टरपंथी तालिबान की तरह एक इस्लामी शरिया राज्य की स्थापना की जा सके.