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PM मोदी और शी जिनपिंग की दोस्ती से तिलमिलाहट, PAK मीडिया बोला- यह अच्छी खबर नहीं

पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बढ़ती दोस्ती पर चिंता जताते हुए नवाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तानी प्रशासन अपनी राजनयिक पकड़ कमजोर करता जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमने इतिहास से कोई सबक नहीं लिया है. यही वजह है कि आज भारत और चीन दोस्त बनते जा रहा हैं.

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चीन में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग
चीन में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग

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पाकिस्तान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की गहराती दोस्ती रास नहीं आ रही है. हालिया चीन दौरे के समय मोदी और शी जिनपिंग जिस अंदाज में एक-दूसरे से मिले, वो पाकिस्तान को हजम नहीं हो रही है. वह इस मुलाकात से तिलमिलाया हुआ है और भारत और चीन के बीच बढ़ती करीबी को अपने लिए अच्छी खबर नहीं मान रहा है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अनौपचारिक चीन दौरे से पाकिस्तान की टेंशन बढ़ गई है.

पाकिस्तानी मीडिया भारत और चीन की बढ़ती करीबी को अपने देश के लिए खतरे की घंटी के रूप में देख रहा है. पीएम मोदी के वुहान दौरे को लेकर पाकिस्तान के बर्खास्त प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का भी बयान सामने आया है. पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बढ़ती दोस्ती पर चिंता जताते हुए नवाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तानी प्रशासन अपनी राजनयिक पकड़ कमजोर करता जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमने इतिहास से कोई सबक नहीं लिया है. यही वजह है कि आज भारत और चीन दोस्त बनते जा रहे हैं.

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मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात पर पाकिस्तानी मीडिया का कहना है कि भारत और चीन के बीच बेहतर कारोबारी संबंध और सीमा पर तनाव कम होना पाकिस्तान के लिए अच्छी खबर नहीं है. पाकिस्तानी विशेषज्ञ तो चीन को भारत के साथ डोकलाम विवाद की भी याद दिलाकर चेता रहे हैं. इनका कहना है कि चीन पाकिस्तान का सदाबहार दोस्ता था, लेकिन आज वह भारत के करीब जा रहा है. वहीं, आतंकवाद पर पाकिस्तान लगातार अलग-थलग पड़ता जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ समय पहले खुद सार्वजनिक मंच से पाकिस्तान को अलग-थलग करने की चेतावनी दी थी, जो पाकिस्तानी हुक्मरानों को आज भी याद है. पाकिस्तानी विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि चीन ने पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स से अलग-थलग कर दिया है. ऐसे में मोदी और शी जिनपिंग की दोस्ती पाकिस्तान के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.

पाकिस्तान को यह डर भी सता रहा है कि अगर भारत और चीन के बीच इसी तरह करीबी बढ़ती रही, तो वो दिन दूर नहीं, जब चीन जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आंतकी सूची में शामिल कराने पर लगाए गए अड़ंगे को हटा लेगा. इसके साथ ही भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता प्राप्त करने के लिए चीन का समर्थन भी हासिल कर लेगा.

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जिनपिंग ने मोदी का किया था शानदार स्वागत

अभी जब पीएम मोदी चीन के अनौपचारिक दौरे पर गए थे, तो उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के अंदाज को दुनिया भर ने देखा था. जिनपिंग ने मोदी की जमकर खातिरदारी करने साथ ही उनको नौकाविहार कराया था और म्यूजियम लेकर गए थे. इसके अलावा मोदी के भोजन के लिए शी जिनपिंग ने खुद खास तरह का कार्ड छपवाया था.

दोनों ने कई घंटे एक साथ बिताए. खास बात यह भी रही कि शी जिनपिंग ने इस बात मोदी का स्वागत चीन की राजधानी बीजिंग में नहीं, बल्कि चीन के दिल कहे जाने वाले वुहान में किया था. इस दौरान दोनों के बीच जो केमिस्ट्री देखने को मिली, उससे पाकिस्तान की टेंशन बढ़ना लाजमी है.

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